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ICJ से भारत को मिली बड़ी कामयाबी, पाकिस्तान को लगा करारा झटका : #KulbhushanJadhav की फांसी की सजा पर लगी रोक

हेग : पाकिस्तानी जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) से भारत को बड़ी सफलता हासिल हुई है. वहीं, इस मामले में पाकिस्तान को करारा झटका लगा है. करीब 42 पन्ने के अपने फैसले में आईसीजे ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर […]

हेग : पाकिस्तानी जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) से भारत को बड़ी सफलता हासिल हुई है. वहीं, इस मामले में पाकिस्तान को करारा झटका लगा है. करीब 42 पन्ने के अपने फैसले में आईसीजे ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि वह सजा की समीक्षा करे.

दक्षिण एशिया के अंतरराष्ट्रीय कानूनी सलाहकार रीमा ओवर ने कहा कि आईसीजे ने योग्यता के आधार पर जाधव के अधिकार और अधिसूचना की पुष्टि करते हुए योग्यता के आधार पर भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है. अदालत ने पाकिस्तान को जाधव की सजा और सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है. रीमा ओमर के अनुसार, कोर्ट ने यह भी कहा है कि जाधव की मौत की सजा को तब तक निलंबित रखा जाना चाहिए, जब तक कि पाकिस्तान प्रभावी रूप से धारा 36 (1) के उल्लंघन के संबंध में सजा / सजा पर पुनर्विचार या पुनर्विचार नहीं करता है.

इसके साथ ही, अदालत ने पाकिस्तान को जाधव तक भारत को कंसुलर एक्सेस देने का आदेश भी दिया है. आईसीजे ने अपने आदेश में कहा है कि भारत को कंसुलर एक्सेस न देकर पाकिस्तान ने वियेना संधि का उल्लंघन किया है. अदालत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह जाधव की फांसी की सजा पर पुनर्विचार करे और उसकी समीक्षा करे. फिलहाल कोर्ट की ओर से जाधव की सजा की समीक्षा तक फांसी की सजा को निलंबित कर दिया गया है.

हालांकि, आईसीजे ने भारत की ओर से पाकिस्तानी सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, जाधव की रिहाई और उन्हें सुरक्षित भारत पहुंचाने की बाबत की गयी कई मांगों को खारिज भी कर दिया है. अदालत ने भारत की अपील के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से दाखिल ज्यादातर आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया. सबसे बड़ी बात यह है कि आईसीजे ने 15:1 के बहुमत से भारत के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है.

अपने फैसले में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कहा कि जाधव को कंसुलर एक्सेस मिलनी चाहिए. पाकिस्तान ने वियना संधि की धारा 36 (1) का उल्लंघन किया है. आईसीजे ने अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव से मिलने नहीं दिया और न ही उनकी तरफ से कोर्ट में पक्ष रखने दिया.

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने 3 मार्च, 2016 को दावा किया था कि उसने एक सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना के अधिकारी को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया है. भारत ने पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि इस्लामाबाद ने सेवानिवृत्त नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव का ईरान से अपहरण किया, जहां वह सेवानिवृत्ति के बाद कारोबार के सिलसिले में गये हुए थे.

इसके बाद पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने ‘जबरन अपराध कबूल करने’ के आधार पर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा सुनायी थी, जिसे भारत ने आईसीजे में चुनौती दी. सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव (49) को ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोपों पर पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी. उसे सजा सुनाये जाने का भारत में कड़ा विरोध भी हुआ था.

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