नयी दिल्ली: भारत आज एक बड़ी और उभरती अर्थव्यवस्था है. कारोबार में रूचि और बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा फैलते व्यापार की स्थिति में इससे संबंधित प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ गयी है. चार्टड अकाउंटेंट, मैनेजर, कंपनी एचआर, जैसे पेशेवर लोगों की जरूरतों के मुताबिक बड़ी संख्या में प्रबंधन की पढ़ाई और संस्थानों की बड़ी डिमांड है.
एक पाठ्यक्रम के तौर पर भारत में प्रबंधन भारत में काफी देरी से आया. शुरूआत में भारत में इसका स्वरुप ज्यादातर विदेश से प्रभावित था. लेकिन आज भारत की अर्थव्यवस्था और इसकी जरुरतों के मुताबिक इसमें कई नये आयाम जोड़े गये हैं. आज भारत में कॉमर्स एक लोकप्रिय विषय के तौर पर मौजूद है इससे संबंधित कई सारे संस्थान हैं जो संबंधित कोर्स संचालित करते हैं.
पैसा और समय दोनों कम लगता है
भारत में जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है. अर्थजगत में नित्य नये प्रयोग हो रहे हैं. कॉमर्स विषय की डिग्रीधारकों की मांग बढ़ी है. इस समय जबकि इंजीनियरिंग और मेडिकल स्ट्रीम का बोलबाला है बावजूद इसके प्रबंधन की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है. प्रबंधन के साथ एक बड़ा फायदा ये भी है कि यहां इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई की तरह न तो ज्यादा वित्तीय लागत की जरुरत होती है और न ही ज्यादा समय लगता है.
कोई बीटेक करना चाहता है या फिर एमबीबीएस तो उसे न्यूनतम चार से पांच साल का समय कोर्स को पूरा करने में लगेगा वहीं अगर कोई बीकॉम में दाखिला लेता है तो उसे न्यूनतम तीन साल का समय लगता है. पढ़ाई के बाद कॉमर्स का छात्र चाहे तो दो साल के लिये एमकॉम कर सकता है या फिर कंपनियां विभिन्न पदों पर योग्यतानुसार प्लेसमेंट के लिये तैयार होती ही हैं. हर साल बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां छात्रों को नौकरियां ऑफर करती हैं.
कब शुरू कर सकते हैं कॉमर्स की पढ़ाई
आप इस प्रबंधन कोर्स का चयन बारहवीं कक्षा में ही कर सकते हैं. इसके बाद विभिन्न विश्वविद्यालयों अथवा प्रबंधन से संबंधित विशेष संस्थानों में भी दाखिला ले सकते हैं. अगर कोई साइंस स्ट्रीम का छात्र बारहवीं के बाद कॉमर्स में दाखिला लेना चाहता है तो बारहवीं में आये अंको के आधार पर उसका दाखिला हो सकता है. इंजीनियरिंग या मेडिकल की तरह छात्रों को नेशनल लेवल पर आधारित जेईई या नीट जैसी प्रवेश परीक्षाओं से नहीं गुजरना होगा. हालांकि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय जैसे कुछ संस्थान बीकॉम में दाखिले के लिये प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं.
कॉमर्स स्ट्रीम के छात्र, कंपनी के प्रबंधन, अकाउंटेंसी, कॉरपोरेट लॉ, बिजनेस सलाहकार, विज्ञापन प्रबंधन जैसे क्षेत्रो में अपना करियर तलाश सकते हैं. चार्टड अकाउंटेंट बनने के इच्छुक छात्र इंस्टीट्यूट फॉर चार्टड अकाउंटेंट इन इंडिया में बारहवीं में दाखिला ले सकते हैं. इसमें पाठ्यक्रम को दो भागों में बांटा गया है, इंटरमीडिएट और फाइनल. इसे पूरा करने के बाद संस्थान छात्रों की मदद करता है प्लेसमेंट के लिये.
कॉमर्स स्ट्रीम की पढ़ाई करने के लिये लोकप्रिय संस्थान
- श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नयी दिल्ली
- लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन, नयी दिल्ली
- लॉयोला कॉलेज, चेन्नई
- क्रिस्ट कॉलेज, बेंगलुरू
- हंसराज कॉलेज, नयी दिल्ली
- हिन्दू कॉलेज, नयी दिल्ली