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वंस अपॉन ए टाइम इन हॉलीवुड
अजित राय वरिष्ठ फिल्म समीक्षक हॉलीवुड के दिग्गज फिल्मकार क्वेंतिन तारंतिनो की नयी फिल्म हमेशा एक बड़ी घटना होती है. कान फिल्म समारोह (1994) में ‘पल्प फिक्शन’ के लिए बेस्ट फिल्म का पुरस्कार ‘पाम डि ओर’ जीतने के 25 साल बाद उनकी नयी फिल्म ‘वंस अपाॅन ए टाइम इन हाॅलीवुड’ इस साल कान फिल्म समारोह […]
अजित राय
वरिष्ठ फिल्म समीक्षक
हॉलीवुड के दिग्गज फिल्मकार क्वेंतिन तारंतिनो की नयी फिल्म हमेशा एक बड़ी घटना होती है. कान फिल्म समारोह (1994) में ‘पल्प फिक्शन’ के लिए बेस्ट फिल्म का पुरस्कार ‘पाम डि ओर’ जीतने के 25 साल बाद उनकी नयी फिल्म ‘वंस अपाॅन ए टाइम इन हाॅलीवुड’ इस साल कान फिल्म समारोह के मुख्य प्रतियोगिता खंड में दिखायी गयी.
इस फिल्म के वर्ल्ड प्रीमियर पर अच्छी दीवानगी देखने को मिली. फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभानेवाले हाॅलीवुड के दो सुपरस्टारों (लियोनार्दो डीकैप्रियो और ब्रैड पिट) की मौजूदगी ने माहौल को उत्तेजक बना दिया था.
इस साल बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस में तारंतिनो ने दावा किया कि उन्होंने तीन साल तक गहन शोध के बाद यह फिल्म बनायी है. उन्होंने कहा- ‘यह फिल्म मेरी फिल्म इंडस्ट्री को मेरा प्रेम पत्र है.’ रोमान पोलांस्की की पत्नी शैरोन टेंट की 1969 में हुई हत्या इस फिल्म की कहानी का मजबूत आधार है.
कहा जाता है कि उनकी हत्या में लास एंजिल्स के चार्ल्स मैंनसन परिवार का हाथ था. उस समय रोमान पोलांस्की विदेश में अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे. मैंनसन को हाॅलीवुड में हिप्पी कल्चर के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इसमें छोटी-सी भूमिका हाॅलीवुड के दिग्गज अभिनेता अल पचीनो ने भी निभायी है.
तारंतिनो की पिछली फिल्मों से अलग यहां न तो भारी हिंसा है, न ही बेतरतीब कहानियों का जटिल ढांचा. सेक्स भी नहीं है. शुरू से अंत तक एक जादुई नाॅस्टेल्जिक आकर्षण है. ‘किल बिल’ (2003), ‘ग्लोरियस बास्टर्ड’ (2009) और ‘द हेटफुल एट’ (2015) के बाद विश्व सिनेमा में तारंतिनो की यह फिल्म एक जीनियस फिल्मकार का सिनेमा को लिखा गया लव लेटर है.
साल 1969 का लाॅस एंजेलिस. पचास के दशक का एक अभिनेता रिक डाल्टन (लियोनार्दो डीकैप्रियो) और उसका एकमात्र दोस्त क्लिफ बूथ (ब्रैड पिट), जो कभी उसके वेस्टर्न टीवी सीरियल में डबल स्टंट करता था और अब उसका ड्राइवर, पीए, हेल्पर है, काम की तलाश में भटक रहे हैं.
दोनों जबर्दस्त पियक्कड़ और स्मोकर हैं. क्लिफ का महत्वपूर्ण काम है- रिक डाॅल्टन जब अपने पुराने दिनों को याद कर विलाप करने लगे, तो उसे सांत्वना और हिम्मत देना. वह उसकी गाड़ी इसलिए चलाता है कि रिक अपना ड्राइविंग लाइसेंस खो चुका है. दोनों अभिनेताओं की केमिस्ट्री शानदार है, जो हर फ्रेम में दिखायी देती है.
इन दोनों की हाॅलीवुड में कोई पहचान नहीं है, बस इतनी कि लाॅस एंजेलिस के वीआईपी इलाके में रोमान पोलांस्की और शैरोन टेंट के पड़ोस में रहते हैं और वे इस बात पर गर्व करते हैं. प्ले ब्वाॅय मैंसन की पार्टी में एक एजेंट मॉर्विन श्वार्ज (अल पचीनो) की मदद से रिक डाॅल्टन को एक सीरियल में काम मिल जाता है और यहीं से तब के हाॅलीवुड की कहानी शुरू होती है.
फिल्म का अच्छा खासा हिस्सा उस जमाने की फिल्मों, टीवी सीरियलों और फिल्मी पार्टियों तथा हिप्पी कल्चर को दिखाने में खर्च हुआ है, पर हर फ्रेम में काॅमेडी का असर है. नये प्रोजेक्ट पर मीटिंग से पहले लियोनार्दो डीकैप्रियो इतना पी लेता है कि बर्फ से भरी बाल्टी में सिर डालने से भी उसका नशा नहीं उतरता और फिल्म की सारी कहानी वह लगभग नशे में सुनता है और बिना किसी तैयारी के सेट पर पहुंचकर ऐसा अभिनय करता है कि सभी चमत्कृत रह जाते हैं.
फिल्म में उस जमाने के पाॅप और राॅक संगीत का जबर्दस्त इस्तेमाल किया गया है.अंतिम दृश्य में चार्ल्स मैंनसन की हिप्पी बस्ती के कुछ नौजवान आधी रात में जब ब्रैड पिट, शैरोन टेंट और दूसरे कलाकारों की हत्या करने आते हैं, तो पहली बार फिल्म में हिंसा दिखती है. कुल मिला कर कहें, तो तीन घंटे के इस फिल्मी सफर में हम हाॅलीवुड का एक अलिखित इतिहास देख लेते हैं.
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