दिल्ली: उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था में नहीं होगा कोई बदलाव- प्रकाश जावड़ेकर

नयी दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) संबंधी अधिनियम में प्रस्तावित संसोधन का मकसद देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है. उपरोक्त बातें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2019 10:35 AM

नयी दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) संबंधी अधिनियम में प्रस्तावित संसोधन का मकसद देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है.

उपरोक्त बातें जावड़ेकर ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सुगत बोस, सौगत रॉय और असदुद्दीन ओवैसी द्वारा पूछे गये सवालों के जबाव में कही. उन्होंने कहा कि यूजीसी अब तक अनुदान एवं प्रशासनिक दोनों तरह का काम करती आई है लेकिन सरकार इसे दो हिस्सों में बांटना चाहती है. एक हिस्सा अनुदान का होगा और दूसरा नियमन का होगा. उन्होंने कहा कि यूजीसी के स्थान पर आने वाली नई संस्था का संचालन नौकरशाहों द्वारा नहीं, बल्कि शिक्षाविदों द्वारा किया जाएगा. यह स्वतंत्र संस्था होगी.

सरकार का इरादा विश्व स्तर का 20 विश्वविद्यालय बनाना

मंत्री ने कहा कि संशोधन विधेयक का जो मसौदा सार्वजनिक रूप से रखा गया था उसमें और पेश किए जाने वाले विधेयक में बहुत फर्क होगा क्योंकि इसमें बहुत सारे सुझावों को समाहित किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रस्तावित संशोधन से उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के लिए तय आरक्षण में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा. जावड़ेकर ने कहा कि सरकार का इरादा अगले 10 साल में विश्व स्तर के 20 विश्वविद्यालय तैयार करने का है.

केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों को भी जगह मिलेगी

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि उत्कृष्ट संस्थानों की अगली सूची में देश के कुछ प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों को भी स्थान मिलेगा. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान जावड़ेकर ने यह भी कहा कि एक निजी कॉरपोरेट समूह के प्रस्तावित विश्वविद्यालयों को उत्कृष्ट संस्थानों की सूची में नियमों के तहत स्थान दिया गया है. उन्होंने कहा कि आईटीआई-मुंबई, आईआईटी-दिल्ली और आईआईएससी उत्कृष्ट संस्थानों की पहली सूची में जगह दी गई है और आने वाले समय में दूसरी सूची सामने आएगी जिसमें केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों को जगह मिलेगी.

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