ब्रिटेन : बोरिस जॉनसन ने संभाली PM पद की कमान, बोले – ब्रेक्जिट समझौते पर ‘किंतु, परंतु” नहीं

लंदन : कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व की जंग शानदार तरीके से जीतने के एक दिन बाद बोरिस जॉनसन ने बुधवार को औपचारिक रूप से ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री पद की कमान संभाल ली. उन्होंने कहा कि 28 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ से ‘बिना किसी किंतु और परंतु’ के 31 अक्तूबर को ब्रिटेन अलग हो जायेगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2019 10:44 PM

लंदन : कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व की जंग शानदार तरीके से जीतने के एक दिन बाद बोरिस जॉनसन ने बुधवार को औपचारिक रूप से ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री पद की कमान संभाल ली. उन्होंने कहा कि 28 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ से ‘बिना किसी किंतु और परंतु’ के 31 अक्तूबर को ब्रिटेन अलग हो जायेगा.

55 वर्षीय पूर्व विदेश मंत्री और लंदन के मेयर रह चुके जॉनसन ने महारानी ऐलिजाबेथ द्वितीय से मुलाकात के बाद डाउनिंग स्ट्रीट की सीढ़ियों से प्रधानमंत्री के रूप में अपना पहला भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने कहा, हम लोकतंत्र में लोगों का विश्वास दोबारा बहाल करेंगे और हम संसद द्वारा लोगों से किये गये वादों को पूरा करेंगे और हम बिना किसी किंतु और परंतु के 31 अक्तूबर को यूरोपीय संघ से बाहर निकलेंगे. जॉनसन ने कहा कि वैसे तो उनके पास अंतिम तिथि के लिए 99 दिन हैं, लेकिन देश ने इस संबंध में काफी प्रतीक्षा कर ली है और अब ब्रेक्जिट को लेकर कदम उठाने का सही समय है. डाउनिंग स्ट्रीट के अपने कार्यालय में प्रवेश करने से पहले उन्होंने कहा, ब्रेक्जिट ब्रिटेन के लोगों द्वारा लिया गया अत्यंत महत्वपूर्ण फैसला है. हमें उस फैसले का जरूर सम्मान करना चाहिए और हमारे यूरोपीय दोस्तों के साथ एक नयी साझेदारी करनी चाहिए. काले दरवाजे (प्रधानमंत्री कार्यालय) के भीतर तत्काल काम शुरू होगा और मैं जो बदलाव देखना चाहता हूं, उसकी जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से लेता हूं. आरोप-प्रत्यारोप यहीं खत्म और काम शुरू.

उन्होंने कहा, यह ऐसा समय है जब हम ब्रेक्जिट के खतरों की तरफ न देखें बल्कि हमारे सामने जो अवसर मौजूद हैं, उसकी तरफ देखें. उन मुक्त कारोबार समझौतों पर काम शुरू करें जो लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालेगा. जॉनसन खुद को पूर्व में ‘भारत का दामाद’ बता चुके हैं क्योंकि उनकी पत्नी मरीना व्हीलर की मां दीप कौर भारतीय हैं. हालांकि इस समय उनकी पत्नी उनसे अलग रह रही हैं. उन्होंने कहा कि भारत का ब्रिटेन के साथ रिश्ता केवल व्यापार तक नहीं, बल्कि और ज्यादा गहरा होना चाहिए.

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