सियोल : उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने ‘‘नयी तरह के सामरिक निर्देशित हथियार” के प्रक्षेपण की निगरानी की और इसे दक्षिण कोरिया के लिए ‘‘गंभीर चेतावनी” बताया. उत्तर कोरिया के समुद्र में दो मिसाइलें दागने के एक दिन बाद शुक्रवार को सरकारी मीडिया ने यह बताया. केसीएनए ने बताया कि किम ने बृहस्पतिवार को व्यक्तिगत तौर पर मिसाइलों के प्रक्षेपण को निर्देशित किया और इसके नतीजे पर संतोष जताया. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच पिछले महीने अचानक हुई बैठक के बाद यह उत्तर कोरिया का पहला मिसाइल परीक्षण है.
किम और ट्रंप असैन्यीकृत क्षेत्र में 30 जून को हुई बैठक में वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमत हो गये थे. उत्तर कोरिया ने पहले भी आगाह किया था कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले युद्ध अभ्यासों से वाशिंगटन और प्योंगयांग के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण की वार्ता बहाल होने की योजना प्रभावित हो सकती है. दक्षिण कोरिया में अमेरिका के करीब 30 हजार सैनिक तैनात हैं और दक्षिण कोरिया सैनिकों के साथ उनका वार्षिक अभ्यास हमेशा से प्योंगयांग के गुस्से की वजह बना है। केसीएनए ने कहा कि किम ने दक्षिण कोरिया पर एक तरफ शांति वार्ता की बात करने और दूसरी तरफ पर्दे के पीछे से अत्याधुनिक हथियार आयात करके तथा संयुक्त सैन्य अभ्यास करके ‘‘दोहरे रवैया” अपनाने का आरोप लगाया है. उसने कहा कि दक्षिण कोरियाई नेताओं को ‘‘प्योंगयांग की चेतावनी को नजरअंदाज करने की भूल नहीं करनी चाहिए.”
गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि उत्तर कोरिया ने पौ फटने के तुरंत बाद दो मिसाइलें दागीं और उन्होंने पूर्वी सागर में गिरने से पहले करीब 430 किलोमीटर की दूरी तक उड़ान भरी। पूर्वी सागर को जापान सागर के नाम से भी जाना जाता है.
उत्तर कोरिया के साथ वार्ता चाहते हैं ना कि ‘उकसावे’ वाली कार्रवाई : अमेरिका
अमेरिका ने कहा है कि वह उत्तर कोरिया के साथ वार्ता जारी रखना चाहता है लेकिन साथ ही उसने प्योंगयांग के फिर से मिसाइल परीक्षण करने के बाद उसे अपने ‘‘उकसावे” वाले कदम रोकने को कहा. इससे एक दिन पहले उत्तर कोरिया ने समुद्र में कम दूरी की दो मिसाइलें दागीं. यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच पिछले महीने अचानक हुई बैठक के बाद पहला परीक्षण है. इस बैठक में दोनों ने परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता बहाल करने पर सहमति जताई थी.