वॉशिंगटन : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल में हुई मुलाकात के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अफगान शांति वार्ता और आतंकवाद के खिलाफ जंग में खान द्वारा जतायी गयी प्रतिबद्धताओं को पूरा किये जाने की जरूरत है.
भारत और अफगानिस्तान, पाकिस्तान पर अफगान तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप लगाते रहे हैं. ये आतंकी समूह भारत और अफगानिस्तान में आतंकी हमलों को अंजाम देते रहे हैं. विदेश मंत्री माइक पोंपिओ ने हाल में खान से की गयी मुलाकात के दौरान उनसे कहा था कि अमेरिका आतंकी संगठनों को नाकाम करने समेत साझा सुरक्षा प्राथमिकताओं पर पाकिस्तान से लगातार प्रगति चाहता है.
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने संवाददाताओं से कहा कि हम अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने को प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि ना केवल राष्ट्रपति के साथ बल्कि विदेश मंत्री के साथ भी कई मुद्दों पर चर्चा हुई और अब बैठक में किये गये वादों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का समय है. उन्होंने खान और ट्रंप के बीच सप्ताह की शुरुआत में हुई इस बैठक को आरंभिक बैठक बताया और कहा इसने राष्ट्रपति और विदेश मंत्री को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मिलने, आपसी संबंध बनाने और घनिष्ठता बनाने का मौका दिया.