वॉशिंगटन : अनुच्छेद 370 को खत्म करने के भारत के गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तान में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये हैं. इस मामले पर अमेरिका की भी प्रतिक्रिया आ गयी है. अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है , साथ ही उसने सभी पक्षों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि हम नियंत्रण रेखा पर सभी पक्षों से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं. जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त किये जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम जम्मू कश्मीर की घटनाओं पर करीब से नजर रख रहे हैं. हमने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में तब्दीली की भारत की घोषणा और राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने की योजना को संज्ञान में लिया है.
उन्होंने कहा कि भारत ने जम्मू कश्मीर में कार्रवाई को ‘‘पूरी तरह से आंतरिक मामला’ बताया है. हालांकि उन्होंने जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर चिंता जतायी. प्रवक्ता ने कहा कि हम हिरासत (जम्मू कश्मीर में) की खबरों पर चिंतित हैं और लोगों के अधिकारों के सम्मान तथा प्रभावित समुदायों से चर्चा की अपील करते हैं.
अमेरिका स्थित मुस्लिम संगठन ने प्रदर्शन करने का किया ऐलान
अमेरिका स्थित एक मुस्लिम संगठन ने भारत के संविधान से अनुच्छेद 370 खत्म करने के विरोध में मंगलवार सुबह भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव संसद में रखा. उत्तरी अमेरिका के अग्रणी मुस्लिम मीडिया संगठन ‘साउंड विज़न’ ने कहा कि न्यूयॉर्क और शिकागो में भी भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा. करीब 28 साल पुराने इस समूह ने अपने समर्थकों के नाम एक संदेश में कहा कि कल दोपहर 12 बजे, भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों के सामने रैलियां निकाली जाएंगी. उसने कहा कि कृपया अपने परिजन और दोस्तों के साथ आएं. भारत को यह दिखाना जरूरी है कि दुनिया सब देख रही है और हम कश्मीर के लोगों के साथ हैं. समूह ने अपने समर्थकों से आग्रह किया है कि वे इन विशाल सभाओं का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर से जुड़े घटनाक्रम पर जागरूकता बढ़ाने के लिए करें. उसने अपने समर्थकों से कश्मीर का मामला राज्य के सीनेटरों के समक्ष उठाने की अपील की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की नीति पर विधायी बदलावों की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद ही ‘साउंड विज़न’ ने कश्मीर पर दो-पन्ने का एक विवरण तैयार किया.