<figure> <img alt="सोशल मीडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/15CBE/production/_108287298_promoimage-3.png" height="549" width="976" /> <footer>SM Viral Post</footer> </figure><p>सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ‘जब कश्मीर में एक घंटे के लिए कर्फ़्यू में ढील दी गई, तो कुछ लोगों ने सड़कों पर आकर अनुच्छेद-370 हटाए जाने का समर्थन किया’.</p><p>क़रीब एक मिनट के इस वीडियो में सफ़ेद कपड़े पहने कुछ लोग दिखाई देते हैं जो ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे हैं. वीडियो में भीड़ के आगे चल रहे दो नौजवानों ने हाथ में तिरंगा ले रखा है.</p><p>हमने पाया कि इस वीडियो को बीते 24 घंटे में कुछ फ़ेसबुक ग्रुप्स में और अप्रमाणित ट्विटर हैंडल्स द्वारा पोस्ट किया गया है. इन सभी पोस्ट्स में इस वीडियो को कश्मीर का बताया गया है.</p><figure> <img alt="सोशल मीडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/243E/production/_108287290_oneofthepost.jpg" height="1249" width="976" /> <footer>SM Viral Post</footer> <figcaption>वॉट्सऐप के ज़रिए कई लोगों ने बीबीसी को यह वीडियो भेजा है और इसकी सच्चाई जाननी चाही है</figcaption> </figure><p>रविवार को भारत की सरकारी न्यूज़ एजेंसियों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर से कई ऐसी ख़बरें आई थीं जिनमें दावा किया गया कि जम्मू-कश्मीर में ईद से पहले कर्फ़्यू में थोड़ी ढील दी गई ताकि लोग ईद की तैयारी कर सकें.</p><p>सोमवार सुबह <a href="https://twitter.com/PIBHomeAffairs/status/1160783429014654977">गृह मंत्रालय की प्रवक्ता</a> ने भी जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में ईद की नमाज़ पढ़ते लोगों की कुछ तस्वीरें जारी की हैं.</p><p>लेकिन अपनी पड़ताल में हमने पाया कि सोशल मीडिया पर जिस वीडियो को कश्मीर का बताकर शेयर किया जा रहा है, वो घाटी का नहीं बल्कि कर्नाटक के बेंगलुरु शहर का है और इसका अनुच्छेद-370 निष्प्रभावी किये जाने से कोई संबंध नहीं है.</p><h1>वीडियो की सच्चाई</h1><p>ये वायरल वीडियो फ़रवरी 2019 का है और वीडियो में दिख रहे लोग बोहरा मुस्लिम समुदाय के हैं, कश्मीरी नहीं.</p><p>रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमने इस वीडियो का ‘सबसे पुराना सोशल मीडिया पोस्ट’ ढूंढा तो पता चला कि लिंडा न्योमाई नाम की एक ट्विटर यूज़र ने इसे <a href="https://twitter.com/lindanewmai/status/1097596333370703872">19 फ़रवरी 2019</a> को ट्वीट किया था.</p><p>लिंडा की ट्विटर प्रोफ़ाइल के अनुसार वो भारतीय जनता पार्टी की एक कार्यकर्ता हैं और बीजेपी के एसटी मोर्चा की सदस्य भी.</p><figure> <img alt="सोशल मीडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/725E/production/_108287292_lindatweetgrab.jpg" height="1429" width="976" /> <footer>Twitter</footer> </figure><p>उन्होंने #IndianArmyOurPride और #StandWithForces के साथ इस वीडियो को ट्वीट किया था और लिखा था, "सीआरपीएफ़ के शहीद जवानों की याद में बोहरा मुसलमानों ने बेंगलुरु के बनेरगट्टा रोड इलाक़े में एक शोभा-यात्रा निकाली."</p><p>14 फ़रवरी 2019 को भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा में चरमपंथियों ने सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें 40 से ज़्यादा भारतीय जवान मारे गये थे.</p><p>कुछ <a href="https://www.indiatoday.in/india/video/muslims-take-out-march-to-protest-gruesome-attack-on-crpf-jawans-1457141-2019-02-15">मीडिया रिपोर्ट्स</a> के अनुसार पुलवामा हमले के बाद जवानों की याद में बेंगलुरु की तरह मुंबई शहर में भी मुसलमानों द्वारा शोभायात्रा निकाली गई थी.</p><figure> <img alt="AAKANKSHA ‘MEGHA’" src="https://c.files.bbci.co.uk/C07E/production/_108287294__103423707_b23bda7b-5a92-4c2b-920e-61bf7c866801.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AAKANKSHA ‘MEGHA'</footer> </figure><h1>जुलूस में शामिल मुसलमान कौन?</h1><p>भारत के पश्चिमी क्षेत्र ख़ासकर गुजरात और महाराष्ट्र में रहने वाले दाऊदी बोहरा मुसलमानों को एक सफल व्यापारी समुदाय माना जाता है.</p><p>दाऊदी बोहरा समुदाय की विरासत फ़ातिमी इमामों से जुड़ी है, जिन्हें पैगंबर हज़रत मोहम्मद (570-632) का वंशज माना जाता है.</p><p>यह समुदाय मुख्य रूप से इमामों के प्रति ही अपना अक़ीदा (श्रद्धा) रखता है. दाऊदी बोहराओं के 21वें और अंतिम इमाम तैय्यब अबुल क़ासिम थे.</p><p>उनके बाद 1132 से आध्यात्मिक गुरुओं की परंपरा शुरू हो गई, जो दाई-अल-मुतलक़ सैय्यदना कहलाते हैं.</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45518059?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी</a> इस समुदाय के मौजूदा सर्वोच्च धर्मगुरु सैय्यदना मुफ़द्दल सैफ़ुद्दीन से मिलने इंदौर पहुँचे थे.</p><p>मुंबई स्थित दाऊदी बोहरा समुदाय के कार्यालय के एक वरिष्ठ सदस्य ने बीबीसी से बेंगलुरु में हुई इस शोभा यात्रा की पुष्टि की.</p><p>उन्होंने बताया, "दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों ने पुलवामा हमले की निंदा करने के लिए और शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं ज़ाहिर करने के लिए बेंगलुरु, मुंबई, इंदौर समेत देश के कुछ अन्य शहरों में शोभा यात्राओं का आयोजन किया था."</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45518059?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कौन हैं वो मुसलमान जिनके दरबार में पहुँचे मोदी</a></li> </ul><figure> <img alt="फ़ैक्ट चेक टीम" src="https://c.files.bbci.co.uk/1310/production/_105908840_giftguideunder50-1.png" height="176" width="1454" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>(इस </strong><a href="https://wa.me/919811520111">लिंक पर क्लिक</a><strong> कर</strong><strong>के भी आप हमसे जुड़ सकते हैं</strong><strong>)</strong></p> <ul> <li>पढ़ें फ़ैक्ट चेक की सभी कहानियाँ एक साथ – <a href="https://www.bbc.com/hindi/india-47154818?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">फ़ैक्ट चेक- जानें फ़र्ज़ी ख़बरों और दावों का सच</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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अनुच्छेद-370 के समर्थन में कश्मीरी मुसलमानों के जुलूस निकालने का सच: फ़ैक्ट चेक
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