मुरादाबाद: लाउडस्पीकर विवाद को लेकर कांठ में विवाद गहराता जा रहा है. एक ओर पुलिस भाजपा नेताओं को मंदिर के अंदर जलाभिषेक करने से रोकने में लगी है तो दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं को शांति मार्च निकालने से भी रोकने में दम लगाना पड रहा है. इस विवाद में पुलिय और भाजपा आमने-सामने आ गयी है. कांग्रेस बीच में घुसने का प्रयार कर रही है और यूपी की अखिलेश सरकार दर्शक बनकर बाहर से मजा ले रही है.
मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के कांठ में माहौल गर्मा गया है. भाजपा के कांठ कूच को लेकर टकराव की स्थिति बनती जा रही है.कांग्रेस भी कांठ में शनिवार को एक शांति मार्च निकाल रही है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने घोषणा की थी कि 26 जुलाई को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी सांसद, विधायक और पार्टी के सभी बड़े नेता कांठ जाएंगे.
प्रशासन ने त्योहारों का हवाला देते हुए किसी भी सियासी कार्यक्रम की अनुमति देने से साफ़ मना कर दिया है.
विश्व हिंदू परिषद के ‘जलाभिषेक’ कार्यक्रम और एक मंदिर पर फिर से लाउडस्पीकर लगाने की योजना देखते हुए एहतियातन मुरादाबाद और उससे लगे ज़िलों में सुरक्षा कड़ी कर दी है.
मुरादाबाद के एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बीबीसी को बताया कि तहसील कांठ में धारा 144 लगी हुई है. उनका कहना था कि इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है और किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है.
विवाद
कांठ इलाक़े के अकबरपुर गांव में मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने के बाद पुलिस और स्थनीय लोगों में विवाद हुआ था.
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर महापंचायत की घोषणा की थी, पर प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी.
महापंचायत रोके जाने से नाराज़ लोगों की पुलिस से भिड़ंत हुई थी. इस झड़प में ज़िलाधिकारी की आंख में चोट लगी थी.