कश्मीर: लंदन में अनुच्छेद 370 के समर्थक और विरोधी भिड़ गए थे?- आंखों देखी
<figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/819F/production/_108338133_hi055859420.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ</figcaption> </figure><p>लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर अनुच्छेद 370 हटाने के समर्थक और विरोधी कथित तौर पर आमने-सामने आ गए. </p><p>लंदन में 61 वर्षीय नौकरीपेशा भारत […]
<figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/819F/production/_108338133_hi055859420.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ</figcaption> </figure><p>लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर अनुच्छेद 370 हटाने के समर्थक और विरोधी कथित तौर पर आमने-सामने आ गए. </p><p>लंदन में 61 वर्षीय नौकरीपेशा भारत सचानिया उच्चायोग की इमारत के बाहर भारतीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए गए थे. उन्होंने कहा कि समर्थकों से अधिक वहां पर विरोध प्रदर्शन करने वाले मौजूद थे.</p><p>उन्होंने बताया, "यह सारा नज़ारा भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम उच्चायोग के अंदर से देख रही थीं. जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने समर्थकों को घेर लिया और उन्होंने टमाटर, पानी की बोतलें, अंडे फेंकने शुरू किए तो भारतीय उच्चायुक्त चिंतित हो गईं और इसके कारण उन्होंने लंदन पुलिस बल को फ़ोन करके और सुरक्षा बल भेजने के लिए कहा."</p><figure> <img alt="भारत सचानिया ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम के साथ" src="https://c.files.bbci.co.uk/089C/production/_108340220_whatsappimage2019-08-16at17.42.57.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>भारत सचानिया ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम के साथ</figcaption> </figure><p>उन्होंने पुलिस की मदद से समर्थकों को बचाया और उन्हें भारतीय उच्चायोग के अंदर ले गईं. </p><p>भारत सचानिया का कहना है कि सभी समर्थक डेढ़ घंटे तक वहां रहे, एक समर्थक ने बताया कि उसकी आंखों पर अंडे और टमाटर फेंके गए. धीरे-धीरे लोग भारतीय उच्चायोग के बाहर से जाने लगे और कई मेट्रो ट्रेन प्रदर्शनकारियों से भर गईं.</p><figure> <img alt="भारतीय समर्थक" src="https://c.files.bbci.co.uk/CFBF/production/_108338135_hi055859789.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><h1>पुलिस बल ने नहीं की थी तैयारी</h1><p>सचानिया ने बताया कि उन्होंने सुना है कि दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है लेकिन उन्होंने किसी को चोट लगते या घायल होते हुए नहीं देखा था. उन्होंने मदद के लिए भारतीय उच्चायोग का धन्यवाद किया है.</p><p>सुधा के 40 वर्षीय पति और 8 वर्षीय बेटी उस समय भारतीय उच्चायोग के बाहर थे. सुधा ने बीबीसी को बताया कि शुरुआत में कम प्रदर्शनकारी थे जिसके कारण कम संख्या में सुरक्षाबल वहां था लेकिन धीरे-धीरे वहां काफ़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंच गए. </p><p>उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग को चारों ओर से घेर लिया और पुरुष, महिलाओं, बच्चों और बुज़ुर्गों पर अंडे, टमाटर, बोतलें फेंकने लगे. </p><p>सुधा ने कहा कि सुरक्षा के उपायों में कमी थी, पुलिस बल को अच्छे से तैयारी करनी चाहिए थी और भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को वहां भेजना चाहिए था. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49349593?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कितना ‘आज़ाद’ पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर? </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49366761?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पर मोदी के फ़ैसले को पूरे देश में समर्थन क्यों मिला</a></li> </ul><p>ब्रैडफ़ॉर्ड से कंज़रवेटिव पार्टी के सदस्य ओवैस राजपूत एक कश्मीरी हैं और वह इस प्रदर्शन में भाग लेने के लिए ब्रैडफ़ॉर्ड से यहां आए थे. उन्होंने कहा कि हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी भारतीय उच्चायोग के बाहर जमा हुए थे. </p><p>उन्होंने कहा कि उन्होंने वहां पर लोगों को नारे लगाते और बैनर लहराते देखा, इनमें कश्मीरी, पाकिस्तानी और खालिस्तान समर्थक शामिल थे लेकिन वहां कोई भारतीय समर्थक नहीं था. </p><p>उन्होंने कहा कि वहां इकट्ठा हुए 90 फ़ीसदी कश्मीरी मूल के ब्रितानी नागरिक थे, और 10 ट्रेन के डिब्बे उन लोगों से भरे थे जो ब्रैडफ़ॉर्ड से प्रदर्शन में भाग लेने आ रहे थे.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49342845?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पर बांग्लादेश में चर्चा किसके पक्ष में </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49350107?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">"मैं विस्थापित कश्मीरी पंडित हूँ और मैं दुखी हूँ"</a></li> </ul><figure> <img alt="ओवैस राजपूत" src="https://c.files.bbci.co.uk/11DDF/production/_108338137_whatsappimage2019-08-16at17.18.53.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>ओवैस राजपूत (बीच में)</figcaption> </figure><h1>’किसी हिंसा के बारे में पता नहीं'</h1><p>राजपूत ने कहा कि उन्होंने वहां कोई हिंसा या प्रदर्शनकारियों द्वारा लोगों पर अंड्डे या बोतलें फेंकते हुए नहीं देखा. उनसे किसी ने कहा था कि लोगों पर अंड्डे फेंके गए हैं लेकिन उन्होंने कोई ख़राब व्यवहार नहीं देखा. </p><p>उन्होंने बताया कि लोग मोदी विरोधी नारे लगा रहे थे और पोस्टरों पर जूते मार रहे थे लेकिन साथ ही साथ काफ़ी संख्या में पुलिस वहां तैनात थी और हेलिकॉप्टर से पुलिस निगरानी कर रही थी. उनको लगता है कि इस विरोध प्रदर्शन में तकरीबन 20 हज़ार लोगों ने भाग लिया जिनमें बूढ़े और विकलांग लोग भी शामिल थे. </p><p>राजपूत के अनुसार, यह एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन था जिसमें सिर्फ़ विरोधी नारे लगे, साथ ही कई लोगों ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के झंडे ले रखे थे जो शांति की बात करता है. उन्होंने स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस की प्रशंसा करते हुए सड़कों को अवरुद्ध करने की आलोचना भी की जिसके कारण भीड़ की समस्या हुई.</p><p>राजपूत ने कहा कि लंदन प्रशासन इस प्रदर्शन को और अच्छे तरह से नियंत्रित कर सकता था क्योंकि प्रशासन को अनुमान नहीं था कि इतनी भारी संख्या में प्रदर्शनकारी इसमें भाग लेंगे.</p><p>हम अभी भी इस घटना पर स्कॉटलैंड यार्ड और भारतीय उच्चायोग के बयान का प्रतीक्षा कर रहे हैं.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो सकते हैं.)</strong></p>