No First Use : परमाणु हथियारों पर राजनाथ के बयान से तिलमिलाया पाकिस्तान
इस्लामाबाद/नयी दिल्ली : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के परमाणु हथियारों को लेकर दिये गये बयान की निंदा करते हुए उसे गैर जिम्मेदाराना और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत हमेशा से परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल नहीं की नीति पर कायम रहा है, […]
इस्लामाबाद/नयी दिल्ली : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के परमाणु हथियारों को लेकर दिये गये बयान की निंदा करते हुए उसे गैर जिम्मेदाराना और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत हमेशा से परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल नहीं की नीति पर कायम रहा है, लेकिन भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा. राजनाथ का यह बयान शुक्रवार को पोकरण दौरे के बाद आया जहां भारत ने 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते परमाणु परीक्षण किया था. कुरैशी ने कहा, भारतीय रक्षा मंत्री के बयान का अर्थ और समय बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और यह भारत के गैर जिम्मेदाराना और युद्धकारी रवैये को दर्शाता है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान न्यूनतम परमाणु प्रतिरोधी क्षमता बरकरार रखेगा. उन्होंने कहा कि भारत के रक्षा मंत्री का बयान उनकी अज्ञानता को दर्शाता है.
गौरतलब है कि कश्मीर को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल नहीं करने के सिद्धांत पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा. रक्षा मंत्री ने पोकरण का दौरा करने के बाद यह बात कही. पोकरण में ही भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 1998 में परमाणु परीक्षण किया था. सिंह ने ट्वीट किया, पोकरण वह इलाका है जो भारत को परमाणु शक्ति बनाने के अटल जी के दृढ़ संकल्प का गवाह बना और इसके बावजूद देश पहले इस्तेमाल नहीं के सिद्धांत को लेकर प्रतिबद्ध है. भारत ने सख्ती से सिद्धांत का पालन किया है. भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.
सिंह ने पोकरण में वाजयेपी की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, भारत का एक जिम्मेदार परमाणु राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करना इस देश के प्रत्येक नागरिक के लिए राष्ट्रीय गौरव का विषय है. देश अटल जी की महानता का ऋणी रहेगा. सिंह के बयान के बाद कांग्रेस ने कहा कि सरकार को अपनी परमाणु नीति स्पष्ट करनी चाहिए और इसे लेकिर किसी तरह का भ्रम नहीं रहना चाहिए. इससे पहले नवंबर 2016 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी भारत की परमाणु हथियार पहले इस्तेमाल न करने की नीति पर आपत्ति जतायी थी. सिंह के बयान का समय अहमियत रखता है क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के दौरान आया है.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश की परमाणु नीति पर उनकी पार्टी और समूचा देश सरकार के साथ खड़ा होगा, लेकिन उसे स्पष्ट तरीके से पेश करने की जरूरत है. सिंघवी ने कहा, रक्षामंत्री या तो कोई रहस्यमय बात कर रहे हैं या फिर नीति में बदलाव की कोई घोषणा कर रहे हैं. उन्हें मुहावरों में बात नहीं करनी चाहिए और देश को स्पष्ट बताना चाहिए कि आज की स्थिति में परमाणु नीति क्या है?