ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने कहा, सुलह करने की दिशा में प्रतिबंध हटाकर पहला कदम उठाये अमेरिका
तेहरान : ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को अमेरिका से कहा कि बातचीत की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उसे ईरान के खिलाफ लगे सभी प्रतिबंधों को हटाकर ‘पहला कदम’ उठाना चाहिए. रूहानी का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोमवार को बातचीत के लिए तैयार होने के बयान के बाद […]
तेहरान : ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को अमेरिका से कहा कि बातचीत की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उसे ईरान के खिलाफ लगे सभी प्रतिबंधों को हटाकर ‘पहला कदम’ उठाना चाहिए. रूहानी का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोमवार को बातचीत के लिए तैयार होने के बयान के बाद आया है. ट्रंप ने बिआरित्ज में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि वह आने वाले कुछ सप्ताह में ही ईरान के अपने समकक्ष के साथ मुलाकात करेंगे.
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अमेरिका ने पिछले साल मई में एकतरफा कार्रवाई करते हुए खुद को 2015 के बहुपक्षीय परमाणु समझौते से अलग कर लिया था और उसके बाद ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिये थे. इन प्रतिबंधों के चलते ईरान की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. रूहानी ने सरकारी समाचार चैनलों पर सीधे प्रसारित हो रहे एक भाषण में कहा कि पहला कदम प्रतिबंधों से हटना है. आपको ईरान के खिलाफ लगाये गये सभी अवैध, अन्यायपूर्ण और गलत प्रतिबंधों से पीछे हटना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सकारात्मक बदलाव की चाबी वाशिंगटन (अमेरिका) के हाथों में है, क्योंकि ईरान पहले ही उन सभी बातों से इनकार कर चुका है, जो अमेरिका की सबसे बड़ी चिंता है. अमेरिका की चिंता ईरान द्वारा परमाणु बम बनाये जाने को लेकर है. उन्होंने कहा कि ‘यदि यही आपकी सबसे बड़ी चिंता है, तो ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खुमैनी ने एक फतवा जारी कर इस चिंता को पहले ही दूर कर दिया है. खुमैनी ने 2003 में परमाणु हथियारों के खिलाफ एक फतवा जारी किया था और तब से वह कई बार इस पर अपना रुख दोहरा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि हमारा इरादा परमाणु हथियार बनाने का नहीं है. हमारी सेना का सिद्धांत पारंपरिक हथियारों पर आधारित है. रूहानी ने कहा कि तो पहला कदम उठाइये. इस चाबी (कदम) के बिना यह ताला नहीं खुलेगा. वह यहां आवासीय परियोजना का निर्माण शुरू होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. बिआरित्ज में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रॉन ने कहा कि ट्रंप और रूहानी के बीच ‘बैठक की शर्तों को अगले कुछ हफ्तों में तय कर लिया जायेगा.
ट्रंप ने जी7 सम्मेलन में अंतिम प्रेस वार्ता में कहा कि वह निश्चित तौर पर बातचीत के लिए (ईरान के साथ) तैयार हैं. साथ ही, मैक्रॉन ने जो समयसीमा प्रस्तावित की है, वह वास्तविक है. रूहानी ने भी संकेत दिये हैं कि वह अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन ईरान के कट्टरपंथियों की ओर से उन्हें इस रुख के लिए कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है. मंगलवार को अपने भाषण में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की नीतियां दुनिया के साथ ‘रचनात्मक बातचीत’ वाली हैं, लेकिन उन्होंने जोर दिया कि अमेरिका को ‘अपनी गलतियों से सीखना होगा’ और परमाणु समझौते की प्रतिबद्धताओं पर लौटना होगा.
रूहानी ने कहा कि हमारा रास्ता साफ है. यदि वह अपनी प्रतिबद्धताओं पर वापस लौटते हैं, तो हम भी अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरेंगे. यदि वह ऐसा नहीं करते हैं, तो हम अपने रास्ते पर आगे बढ़ते रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ फोटो खिंचाने के लिए मुलाकात नहीं करना चाहते हैं. हमें मुद्दों और समस्याओं को तार्किक तरीके से सुलझाना है, सिर्फ फोटो खिंचाने के लिए नहीं मिलना. जिस किसी को भी हसन रूहानी के साथ फोटो खिंचानी है, तो यह संभव नहीं. रूहानी और ट्रंप दोनों सितंबर के अंत में न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्तराष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होंगे. यह उनके मुलाकात का मंच बन सकता है.