जुकोवस्की : रूस ने मंगलवार को कहा कि भारत-रूस के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) कार्यक्रम के विकास में देरी भारतीय पक्ष की ओर से है. भारत और रूस 2007 में पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान या बहुद्देश्यीय युद्धक विमान के एक संस्करण को विकसित करने के लिए संयुक्त कार्यक्रम पर सहमत हुए थे. पिछले साल भारत इंजन और अन्य क्षमताओं जैसे वांछित मापदंडों पर असंतोष को लेकर विमान के सह-विकास और उत्पादन से कथित तौर पर अलग हो गया था.
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रशियन स्टेट कॉरपोरेशन की अंतरराष्ट्रीय सहयोग और क्षेत्रीय नीति के निदेशक विक्टर एन क्लादोव ने कहा कि हमने भारत सरकार के साथ कभी भी किसी समझौते को रद्द नहीं किया है. पांचवीं पीढ़ी (लड़ाकू विमान) की परियोजना को भारतीय पक्ष द्वारा देर की गयी है, न कि रूसी पक्ष द्वारा. क्लादोव ‘मेकस इंटरनेशनल एयर शो’ में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना के पास विकास के संबंध में अपने विचार और रणनीति है. इस शो में रूस ने अपने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एसयू-57 के निर्यात संस्करण का प्रदर्शन किया. उन्होंने इस विमान की खूबियों की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें नयी पीढ़ी का इंजन और नये प्रकार के एवियोनिक्स लगाये गये हैं. यह एक बहुमुखी और बहु-भूमिका वाला उन्नत विमान है, जो कई प्रकार के कार्य कर सकता है. यह बिल्कुल नये स्तर की रक्षा तकनीक है.