तोक्यो/नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को तोक्यो में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे से मुलाकात की और उन्हें जानकारी दी कि जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने के भारत के फैसले से क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा.
अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने एबे को यह भी बताया कि जम्मू कश्मीर में दखल का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है और वह भारत का अभिन्न अंग है. उन्होंने कहा कि अपने जापानी समकक्ष ताकेशी इवाया के साथ विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा के दौरान सिंह ने पाकिस्तान से पनपने वाले सीमा पार आतंकवाद का जिक्र किया और कहा कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते. रक्षा मंत्री पांच दिवसीय जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं. मंगलवार को वे तोक्यो से सियोल रवाना होंगे. रक्षा मंत्री स्तर की वार्षिक वार्ता में सिंह और इवाया ने भारत-जापान रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की. दोनों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और बढ़ाने तथा क्षेत्र में शांति व सुरक्षा हासिल करने के लिए नये तरीकों को अपनाने का संकल्प लिया.
सिंह ने ट्वीट किया, जापान के रक्षा मंत्री ताकेशी इवाया के साथ तोक्यो में बेहद उपयोगी मंत्रीस्तरीय वार्ता हुई. हमने भारत-जापान रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की. अधिकारियों ने बताया कि दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र जहां चीन अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है की स्थिति पर भी चर्चा की. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, हिंद प्रशांत को लेकर नजरिये पर विस्तार से चर्चा हुई और भारत ने नियम आधारित व्यवस्था की अपनी पसंद को व्यक्त किया जिसमें आसियान केंद्र में हो और सभी के लिए सुरक्षा तथा समावेशी माहौल हो. मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द किये जाने पर भी चर्चा की और कहा कि वार्ता और पाकिस्तान से पनपने वाला सीमा-पार आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते.
अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्ष रक्षा संबंधों को और मजबूती देने के लिए साथ काम करते रहेंगे. सिंह के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी गया है. दक्षिण कोरिया में सिंह राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जियोंग कियोंग डू से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और साथ ही वह दक्षिण कोरियाई प्रधानमंत्री ली नाक-योन से भी मुलाकात करेंगे.