आप भी सीख सकते हैं स्मार्टफोन
।। दक्षा वैदकर ।। आजकल हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन दिख रहे हैं. लोग व्हॉट्स एप्प, हाइक, फेसबुक और न जाने किन-किन चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन स्मार्टफोन्स को इस्तेमाल करनेवाली जेनरेशन को बुजुर्ग बड़ी अजीब निगाह से देख रहे हैं.बुजुर्ग यह देख कर तो बड़े खुश होते हैं कि पोते ने […]
।। दक्षा वैदकर ।।
आजकल हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन दिख रहे हैं. लोग व्हॉट्स एप्प, हाइक, फेसबुक और न जाने किन-किन चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन स्मार्टफोन्स को इस्तेमाल करनेवाली जेनरेशन को बुजुर्ग बड़ी अजीब निगाह से देख रहे हैं.बुजुर्ग यह देख कर तो बड़े खुश होते हैं कि पोते ने विदेश में रहनेवाली रिश्तेदार से वीडियो चैट पर बात करा दी, फेसबुक से किसी पुराने बिछड़े दोस्त को मिलवा दिया, लेकिन वे इन चीजों को खुद सीखना नहीं चाहते. यही हाल कई महिलाओं का भी है.
स्मार्टफोन उन्हें किसी बम के समान लगता है, जो छूते ही फट जायेगा. बच्चे उन्हें सिखाने की कोशिश करते हैं कि ममा, प्लीज सीखो न. देखो, इस बटन से यह होता है.. ऐसे फोटो भेजते हैं.., लेकिन ममा है कि फोन हाथ में लेना ही नहीं चाहती. ये सभी एक ही जवाब देते हैं, ‘मुझसे नहीं हो पायेगा ये सब. ये सब सीखने की यह कोई मेरी उम्र है क्या?’
इन सब के बीच मुङो एक ऐसे बुजुर्ग मिले, जिनके पास दो स्मार्टफोन हैं और वे बेहतरीन तरीके से इसे चलाते हैं. वे कंप्यूटर भी चलाते हैं और उनका फेसबुक पर अकाउंट भी है. जब मैंने उनसे इस बारे में बात की, तो उन्होंने कहा ‘मैं पढ़ा-लिखा हूं. जो काम मेरा बेटा कर सकता है, भला मैं क्यों नहीं कर सकता. मैं तो उसका बाप हूं.’
बुजुर्ग ने बताया कि उन्होंने ही बेटे के हाथ में स्मार्टफोन देख कर कहा कि मुङो भी ऐसा ही फोन चाहिए. बेटे ने उन्हें खरीद दिया और इसके फंक्शन भी समझाये. बाद में उन्होंने इंटरनेट पर सर्च कर मोबाइल के अन्य फीचर्स खुद सीख लिये. अब वे अपने बेटे को बताते हैं कि इस मोबाइल से और क्या-क्या हो सकता है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ महीने से वे घर पर ऑनलाइन काम कर रहे हैं. उन्हीं रुपयों से उन्होंने दूसरा स्मार्टफोन खरीदा.
कितने आश्चर्य की बात है. एक तरफ वे बुजुर्ग हैं, जो इस उम्र में भी हर नयी चीज सीखना चाहते हैं और दूसरी तरफ हम हैं, जो यह सोचते हैं कि ये सब सीखने की मुङो क्या जरूरत है. मेरी उम्र अब नहीं रही.
बात पते की..
– यह सोचना सरासर गलत है कि मुझसे यह काम कभी नहीं होगा. जब तक आप कोशिश नहीं करेंगे, कोई चीज कैसे सीख सकते हैं.
– कामों को उम्र से तौलना बंद करें. ऐसा कोई काम नहीं है, जो आप नहीं कर सकते. बस भीतर इच्छाशक्ति होनी चाहिए कि मैं करना चाहता हूं.