संयुक्त राष्ट्र : पाकिस्तान ने फिर से कश्मीर राग अलापते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा है कि उसे क्षेत्र में तैनात अपने सैन्य निगरानी समूह को मजबूत करने के विकल्पों को तलाशना चाहिए. इसके अलावा, अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद कश्मीर में स्थिति की करीबी निगरानी भी करनी चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा पर सुरक्षा परिषद की चर्चा में यहां (संयुक्त राष्ट्र में) पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत द्वारा रद्द किये जाने का हवाला दिया. भारत का मानना है कि जनवरी 1949 में गठित यूएनएमओजीआईपी (भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य निगरानी समूह) शिमला समझौते और इसके बाद नियंत्रण रेखा स्थापित किये जाने के बाद अपनी उपयोगिता खो चुका है और यह अप्रासंगिक हो गया है. लोधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का भारत का फैसला सुरक्षा परिषद के विभिन्न प्रस्तावों का सरासर उल्लंघन है.
क्षेत्रीय स्थिरता बनाये रखने में यूएनएमओजीआईपी की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि परिषद लगातार स्थिति की करीबी निगरानी करे और यूएनएमओजीआईपी को मजबूत करने के विकल्प को भी तलाशना शुरू करे और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत पहुंच और आवाजाही की आजादी की अनुमति दे. नवंबर 2018 तक यूएनएमओजीआईपी में 72 असैन्य कर्मचारी और मिशन में 41 विशेषज्ञों सहित कुल 113 कर्मी थे. लोधी ने कश्मीर मुद्दे पर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से भी मुलाकात की.