पाकिस्तान में पश्तून नरसंहार: UN के सामने बलोच कार्यकर्ताओं ने बुलंद की ”आजादी की आवाज”

जिनेवा: आतंकवाद और आर्थिक मंदी पर चौतरफा किरकिरी झेल रहे पाकिस्तान के लिए एक और बड़ी मुसीबत सामने आ गई है. लंदन बेस्ड बलोच मानवाधिकार संगठन ने स्विटजरलैंड की राजधानी जेेनेवा में संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय के सामने कई सारे पोस्टर लगाए हैं जिनपर लिखा है ‘पाकिस्तान में पश्तून नरसंहार’. जेनेवा शहर में बलूचिस्तान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2019 10:50 AM

जिनेवा: आतंकवाद और आर्थिक मंदी पर चौतरफा किरकिरी झेल रहे पाकिस्तान के लिए एक और बड़ी मुसीबत सामने आ गई है. लंदन बेस्ड बलोच मानवाधिकार संगठन ने स्विटजरलैंड की राजधानी जेेनेवा में संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय के सामने कई सारे पोस्टर लगाए हैं जिनपर लिखा है ‘पाकिस्तान में पश्तून नरसंहार’.

जेनेवा शहर में बलूचिस्तान से संबंधित पोस्टर्स

केवल संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय ही नहीं बल्कि बलोच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पूरे जिनेवा शहर को पाकिस्तान में बलोच और पश्तून नरसंहार से संबंधित पोस्टरों से पाट दिया है. इनमें सेव बलूचिस्तान, पाकिस्तान स्टॉप बलोच जिनोसाइड (नरसंहार), पश्तून जिनोसाइड इन पाकिस्तान जैसे नारे तथा स्लोगन लिखे हुए हैं. यही नहीं. इन पोस्टर्स में लिखा है कि ‘पाकिस्तानी हुकूमत ने लाखों की संख्या में बलोच तथा पस्तून लोगों को हक के लिए आवाज उठाने की एवज में सरेराह फांसी पर लटका दिया. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस पर ध्यान देना चाहिए’.

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने जुटे कार्यकर्ता

इस दौरान बलूच मानवाधिकार परिषद ने मंगलवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने ब्रोकन चेयर पर एक विशेष टेंट में ‘द ह्यूमैनिटेरियन क्राइसिस इन बलूचिस्तान’ पर एक ब्रीफिंग का आयोजन किया. इस दौरान बलूच मानवाधिकार नेताओं समेत सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे. यहां बलूचिस्तान की स्वायत्ता और मानवाधिकारों की मांग को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई.

मानवाधिकार पर पाकिस्तान का पाखंड-रज्जाक

बलूच मानवाधिकार परिषद् से जुड़े और इस कार्यक्रम के आयोजक रज्जाक बलूच ने कहा कि, पाकिस्तान जो कुछ भी बलूचिस्तान में कर रहा है उसे छिपाना चाहता है, लेकिन कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ में रोता रहता है. ये पाकिस्तान का पाखंड है. रज्जाक बलूच ने कहा कि बलूचिस्तान एक देश था लेकिन पिछले कई दशकों से पाकिस्तान ने इसे अपना उपनिवेश बना रखा है.

रज्जाक ने कहा कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को पीओके में आमंत्रित करता रहता है लेकिन क्या वो मीडिया और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल को वहां जाने और ये पता लगाने की अनुमति देगा कि उसने मेरे देश के साथ क्या किया.

ह्मूमन राइट्स पर पाकिस्तान का पाखंड- मेहरन मैरेज

लंदन बेस्ड बलूच नेता मेहरन मैरेज ने भी बलूचिस्तान के मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जिनेवा में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी विदेशी पत्रकारों और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आमंत्रित कर रहे थे और ये जताने की कोशिश कर रहे थे कि लोग वहां कितनी खुशी से रह रहे हैं. लेकिन ये नहीं बताया कि उन्होंने पश्तूनों और बलूचिस्तान के साथ क्या किया.

उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्री को लताड़ लगाते हुए कहा कि इस आदमी को कोई शर्म नहीं है. वे बलूचिस्तान में नरसंहार कर रहे हैं. मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं. फिर वे पता नहीं किस मुंह से कश्मीर या दुनिया में कहीं और के मानवाधिकारों का मुद्दा लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में जाते हैं.

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