सिंधी फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक बोले- UN में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाएं ”पीएम मोदी”
सिंध: सिंधी फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक मुनव्वर लगारी ने कहा कि, इस समय सिंध की सबसे बड़ी कठिनाइ इसका डर है और उससे भी बड़ी चुनौती है उस डर से बाहर आ पाना. उन्होंने कहा कि सिंध के लिए इस भय से बाहर आ पाना मुश्किल है क्योंकि ये उसके अंदर समा चुका है. लगारी […]
सिंध: सिंधी फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक मुनव्वर लगारी ने कहा कि, इस समय सिंध की सबसे बड़ी कठिनाइ इसका डर है और उससे भी बड़ी चुनौती है उस डर से बाहर आ पाना. उन्होंने कहा कि सिंध के लिए इस भय से बाहर आ पाना मुश्किल है क्योंकि ये उसके अंदर समा चुका है. लगारी ने कहा कि हमारी एकमात्र आशा सिंध से बाहर है. उन्होंने कहा कि मेरी उम्मीदें संयुक्त राष्ट्र संघ और अमेरिका जैसे देशों पर है.
Munawar Laghari: I would suggest that when PM Modi comes to the United Nations, he must mention about Sindh because India got its name from Sindh & lot of Sindhis are living in India. At least he can talk about human rights,he can talk about the religious freedom in Sindh. https://t.co/5hVFVC82vl
— ANI (@ANI) September 17, 2019
पीएम नरेंद्र मोदी से अपील
मुनव्वर लगारी ने सिंध की समस्याओं के समाधान के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है. उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र आएंगे तो उन्हें सिंध के बारे में बताना होगा. क्योंकि सिंध नाम भारत से मिला था. लगारी ने कहा कि पीएम मोदी कम से कम मानव अधिकारों की बात कर सकते हैं. वो सिंध में धार्मिक स्वतंत्रता की बात कर सकते हैं.
पाकिस्तान का प्रांत है सिंध
बता दें कि सिंध पाकिस्तान के चार प्रांतों में से एक है. सिंध पाकिस्तान के दक्षिणी-पूर्वी भाग में बसा है. यहां ज्यादातर हिन्दू समुदाय के लोग रहते हैं. हिन्दू पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हैं और इनको बहुसंख्यक समुदाय द्वारा प्रताड़ित किए जाने की खबरें आती रहती हैं. हाल ही में सिंध के घोटकी टाउन में एक बच्चे ने अल्पसंख्यक समुदाय के एक प्रिंसिपल पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था. इसके बाद प्रिंसिपल के साथ मारपीट की गयी और स्कूल में तोड़-फोड़ भी किया गया.
सिंध में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को प्रताड़ित किए जाने की खबरें आती रहती हैं. यहां हिन्दू युवतियों का जबरन धर्मांतरण किए जाने तथा मंदिरों में तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाएं आम हैं.