प्रधानमंत्री मोदी को मिला ग्लोबल गोलकीपर्स अवॉर्ड, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने किया सम्मानित
नयी दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. चाहे वो ह्यूस्टन में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के विशाल जनसमूह को संबोधित करना हो या यूएन एसेंबली में जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर भारत का पक्ष रखना हो. पीएम मोदी की वैश्विक धाक हर तरफ दिखाई पड़ रही है. […]
नयी दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. चाहे वो ह्यूस्टन में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के विशाल जनसमूह को संबोधित करना हो या यूएन एसेंबली में जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर भारत का पक्ष रखना हो. पीएम मोदी की वैश्विक धाक हर तरफ दिखाई पड़ रही है. इसी में एक उपलब्धि और जुड़ गई जब बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने पीएम मोदी को ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड से सम्मानित किया.
बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने दिया अवॉर्ड
‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ ने भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘ग्लोबल गोलकीपर’ पुरस्कार से सम्मानित किया. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सिलसिलेवार ट्वीट में देश वासियों को यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मुझे यह पुरस्कार दिया जाना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है. यह इस बात का प्रमाण है कि अगर 130 करोड़ लोगों की जनशक्ति किसी एक संकल्प को पूरा करने में जुट जाए, तो किसी भी चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है’.
भारत की जनता को समर्पित किया ग्लोबल अवॉर्ड
पीएम मोदी ने यह सम्मान उन भारतीयों को समर्पित किया, जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को एक जन आंदोलन में बदला और स्वच्छता को अपनी दैनिक जिंदगी में सर्वोच्च प्राथमिकता देनी शुरू की. मोदी ने कहा, ‘हाल-फिलहाल में किसी देश में ऐसा अभियान सुनने और देखने को नहीं मिला. यह अभियान शुरू भले ही हमारी सरकार ने किया था, लेकिन इसकी कमान जनता ने खुद अपने हाथों में ले ली’.
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में जनता की भागीदारी का ही नतीजा है कि बीते पांच साल में देश में रिकॉर्ड 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया जा सका. इसी का नतीजा है कि 2014 से पहले जहां ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से भी कम था, आज वह बढ़कर करीब-करीब 100 प्रतिशत पहुंच रहा है. मोदी ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता, किसी भी आंकड़े से ऊपर है. इस मिशन ने अगर सबसे ज्यादा लाभ किसी को पहुंचाया, तो वह देश के गरीब को, देश की महिलाओं को है’.
स्वच्छ भारत मिशन ने बचाई लाखों जिंदगियां
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘शौचालय ना होने की वजह से अनेक बच्चियों को अपनी स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ती थी. हमारी बेटियां पढ़ना चाहती हैं, लेकिन शौचालय की कमी, उन्हें स्कूल छोड़कर घर बैठने के लिए मजबूर कर रही थी’. उन्होंने कहा,‘देश की गरीब महिलाओं को, बेटियों को इस स्थिति से निकालना मेरी सरकार का दायित्व था और हमने इसे पूरी शक्ति एवं ईमानदारी से निभाया’. उन्होंने कहा, ‘आज मेरे लिए यह बहुत संतोष की बात है कि स्वच्छ भारत अभियान, लाखों जिंदगियों को बचाने का माध्यम बना है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ही रिपोर्ट है कि स्वच्छ भारत अभियान की वजह से तीन लाख जिंदगियों को बचाने की संभावना बनी है’. मोदी ने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि ‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ की एक रिपोर्ट में भी आया है कि भारत में ग्रामीण स्वच्छता बढ़ने से बच्चों में ह्दय संबंधी बीमारियां कम हुई हैं और महिलाओं के ‘बॉडी मास इंडेक्स’ (बीएमआई) में भी सुधार आया है’.
‘महात्मा गांधी का स्वच्छता का सपना पूरा हुआ’
महात्मा गांधी का स्वच्छता का सपना पूरा होने पर खुशी जाहिर करते हुए मोदी ने कहा, ‘आज मुझे इस बात की भी खुशी है कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता का जो सपना देखा था, वह अब पूरा होने जा रहा है. गांधी जी कहते थे कि एक आदर्श गांव तभी बन सकता है, जब वह पूरी तरह स्वच्छ हो. आज हम गांव ही नहीं, पूरे देश को स्वच्छता के मामले में आदर्श बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं’. मोदी ने कहा, ‘स्वच्छ भारत मिशन ने ना सिर्फ भारत के करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया गया और उनकी गरिमा की रक्षा की, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को भी पूरा करने में अहम भूमिका निभाई है’.
11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ
पीएम मोदी ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन का एक और प्रभाव है जिसकी चर्चा बहुत कम हुई है. इस अभियान के दौरान बनाए गए 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों ने ग्रामीण स्तर पर आर्थिक गतिविधि का एक नया द्वार भी खोल दिया’. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र का सरल अर्थ यह है कि व्यवस्थाओं और योजनाओं के केन्द्र में लोग हों. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोकतंत्र का सीधा सा अर्थ है कि व्यवस्थाओं और योजनाओं के केन्द्र में लोक यानि जनता होनी चाहिए. एक सशक्त लोकतंत्र वही होता है जो जनता की जरूरत को केन्द्र में रखकर नीतियों का निर्माण करता है’.
उन्होंने कहा, ‘स्वच्छ भारत मिशन की सफलता, संविधान की एक व्यवस्था को भी जीवंत करने का उदाहरण है’. उन्होंने संविधान पर बात करते हुए कहा, ‘भारत ने दशकों तक सिर्फ संवैधानिक संघवाद ही देखा था. हमारी सरकार ने इसे सहकारी संघवाद में बदलने का प्रयास किया और समय के साथ अब हम प्रतियोगी- सहकारी संघवाद के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं.’
भारत में लांच किया गया प्लास्टिक मुक्त अभियान
वसुधैव कुटुम्बकम् के सिद्धांत को दोहराते हुए मोदी ने कहा, ‘हम अपने अनुभव को, अपनी विशेषज्ञता को, दुनिया के दूसरे देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं’. उन्होंने कहा कि भारत, स्वच्छता को लेकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब है, वहीं भारत दूसरे बड़े मिशन पर भी तेज़ी से काम कर रहा है. ‘फिट इंडिया अभियान’ के जरिए स्वास्थ्य की दिशा में काम किया जा रहा है. भारत ने 2022 तक ‘केवल एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक’ से मुक्त होने का अभियान भी चलाया है.
मोदी ने कहा कि, ‘आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तब भी भारत के अनेक हिस्सों में प्लास्टिक कूड़े को इकट्ठा करने का काम चल रहा है’. मोदी ने कहा, ‘ऐसे अनेक जन आंदोलन आज भारत में चल रहे हैं. मुझे 1.3 अरब भारतीयों के सामर्थ्य पर पूरा विश्वास है. मुझे विश्वास है कि स्वच्छ भारत अभियान की तरह बाकी मिशन भी सफल होंगे’.