नयी दिल्लीः सऊदी अरब ने अपने तेल संयंत्रों पर ड्रोन और मिसाइल हमले के करीब दो सप्ताह बाद कहा कि वह आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ अपना सहयोग बढ़ाएगा. इस सहयोग में आतंकी नेटवर्क तक धन की पहुंच रोकना और खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान शामिल है.
सऊदी राजदूत डॉ. सऊद बिन मोहम्मद अल सती ने कहा कि भारत और सऊदी अरब आतंकवाद से लड़ने में एक-दूसरे के साथ घनिष्ठ सहयोग कर रहे हैं. सऊदी अरब की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी ‘सऊदी अरामको’ के तेल प्रतिष्ठानों पर 14 सितंबर को हुए सिलसिलेवार ड्रोन और मिसाइल हमलों के चलते इसका रोजाना होने वाला तेल उत्पादन आधा हो गया. इससे वैश्विक तेल बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है और सऊदी अरब तथा ईरान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है.
यमन के हुती विद्रोहियों ने सऊदी तेल प्रतिष्ठानों पर अब तक के सबसे बड़े हमलों की जिम्मेदारी ली है. सऊदी अरब और इसके सहयोगी अमेरिका ने ईरान पर हमलों का आरोप लगाया है, लेकिन ईरान ने आरोपों को खारिज किया है. अल सती ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा कि दोनों देशों ने प्रत्यर्पण संधि सहित सुरक्षा के क्षेत्र में कई समझौते किए हैं.
पाकिस्तान के करीबी सहयोगी माने जाने वाले सऊदी अरब ने क्षेत्र को आतंकवाद से मुक्त कराने के अभियान में भारत का पक्ष लिया है और इस चुनौती से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हरसंभव सहयोग का संकल्प लिया है. सऊदी राजदूत ने कहा कि सऊदी अरब आतंकवाद, आतंक के वित्तपोषण और चरमपंथ के खिलाफ वैश्विक अभियान की अगुवाई कर रहा है. हम आईएसआईएस का मुकाबला करने के लिए 68 देशों के मजबूत वैश्विक गठजोड़ के संस्थापक सदस्य हैं.
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब एक घनिष्ठ दोस्त और रणनीतिक साझेदार के रूप में भारत को अहम देश मानता है तथा दोनों देशों के बीच रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग को और अधिक बढ़ाया जाएगा. सऊदी राजदूत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2016 में ऐतिहासिक सऊदी अरब यात्रा का भी जिक्र किया, जब दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ अभियान और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान तथा कानून प्रवर्तन में सहयोग को और अधिक बढ़ाने का फैसला किया था.
अल सती ने कहा, सऊदी अरामको पर हुआ हालिया हमला न सिर्फ उनके देश, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ हमला है. यह वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का जानबूझकर किया गया प्रयास था. इसलिए षड्यंत्रकारियों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए. सऊदी अरब ने हमलों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का संकल्प लिया है.
सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान की फरवरी में हुई भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने आतंकवाद की चुनौती से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक समग्र सुरक्षा वार्ता तंत्र तथा संयुक्त कार्यकारी समूह स्थापित करने का फैसला किया था. अल सती ने कहा, हम भारत के साथ भागीदारी जारी रहने की उम्मीद करते हैं. सऊदी अरब ने घनिष्ठ मित्र और रणनीतिक भागीदार के रूप में भारत को अहम देश माना है.