वाशिंगटनःअमेरिका के राष्ट्रपति लगातार कश्मीर मुद्दे पर अपना बयान बदल रहे रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर अपनी बात सामने रखी है. ट्रंप ने बुधवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान गंभीर रूप से आमने-सामने हैं.
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ बैठकों में कश्मीर मामले पर चर्चा की और ‘‘मध्यस्थता” के जरिए दोनों परमाणु सशस्त्र देशों की मदद करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि उनकी संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ ‘‘फलदायी बातचीत” हुई.
उन्होंने कहा, मैंने प्रस्ताव रखा कि मैं मध्यस्थता समेत हर वह मदद करने के लिए तैयार हूं, जो मैं कर सकता हूं. उन्होंने कहा कि वह ‘‘हर संभव कोशिश करेंगे क्योंकि उनके बीच गंभीर तनाव है और उम्मीद है कि स्थिति बेहतर होगी. ट्रंप ने कहा, दो भद्र पुरुष जो इन दो देशों का नेतृत्व कर रहे हैं, वे मेरे मित्र हैं. मैंने कहा कि वे इसका समाधान निकालें.
ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार को 40 मिनट तक द्विपक्षीय बातचीत की थी, इससे एक दिन पहले उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की. वहीं इस मामले में भारत का स्पष्ट रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री पहले ही यह बता चुके हैं. विदेश सचिव ने भी कल यही बात की. कुमार ने संवाददाताओं से कहा, आप देखें कि उन्होंने (विदेश सचिव) कल क्या कहा, उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की मध्यस्थता के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों की सहमति की आवश्यकता है.
विदेश सचिव विजय गोखले ने मोदी-ट्रंप की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा था, प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि हम पाकिस्तान के साथ वार्ता करने से संकोच नहीं कर रहे हैं पर ऐसा होने के लिए हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान कुछ ठोस कदम उठाए, लेकिन हमें पाकिस्तान की तरफ से ऐसी कोई कोशिश नहीं दिख रही,
गौरतलब है कि भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था. तभी से पाकिस्तान इस मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत का स्पष्ट कहना है कि जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाना भारत का आंतरिक मामला है.