रियादः यमन के हूती विद्रोहियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सनसनीखेज दावा किया है. विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने एक बड़े हमले को अंजाम देते हुए सऊदी अरब के कम से कम 500 सैनिकों को मार डाला है. साथ ही सऊदी अरब की सेना के 3 ब्रिगेड ने सरेंडर भी किया है, जिनमें हजारों सैनिक शामिल हैं. अपने इस दावे के समर्थन में विद्रोहियों ने वीडियो और तसवीरें भी जारी किया, हालांकि उससे उनके दावे की पुष्टि कर पाना मुश्किल है.
यदि हूती विद्रोहियों के दावे की पुष्टि हो जाती है तो यह निश्चित तौर पर सऊदी अरब के लिए एक बड़ा झटका होगा. विद्रोहियों द्वारा जारी किए गए वीडियो में कई बख्तरबंद गाड़ियों को जलते हुए दिखाया गया है. इसके साथ ही वीडियो में भारी मात्रा में हथियार भी नजर आते हैं जो विद्रोहियों के दावे के मुताबिक सऊदी सैनिकों से कब्जे में लिए गए हैं.
बता दें कि हूती विद्रोहियों ने इसके पहले सऊदी अरब के दो तेल संयंत्रों पर हमला करने का दावा किया था. ये हमला 14 सितंबर को हुआ था. इसे विश्व स्तर पर तेल मार्केट प्रभावित हुई है.
सऊदी अरब की कोई प्रतिक्रिया नहीं
हूती विद्रोहियों के इस सनसनीखेज दावे पर अभी तक सऊदी अरब की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. विद्रोहियों के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल सलाम ने कहा कि सऊदी हमलों के जवाब में किया गया यह हमारा अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन था. दुश्मनों को भारी नुकसान हुआ है. हमने एक बड़े इलाके को कुछ ही दिनों में उनके कब्जे से आजाद करा लिया है.
सलाम ने दावा किया कि जंग के मैदान में अभी भी सऊदी के कई सैनिकों की लाशें पड़ी हैं, और वहां कुछ सैनिक घायल भी हुए हैं. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के पास जंग से पीछे हटने के सिवाय और कोई चारा नहीं है. सलाम ने कहा कि यदि सऊदी पीछे हटते हैं तो हूती विद्रोही अपने हमले रोक देंगे.
यमन में साल 2015 से संघर्ष जारी
यमन में साल 2015 से संघर्ष जारी है. तब हूती विद्रोहियों ने राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था और राष्ट्रपति अब्दरबू मंसूर हादी को देश छोड़कर भागना पड़ा था. हूती विद्रोहियों का उत्तरी यमन के ज़्यादातर हिस्से पर कब्जा है.सऊदी अरब राष्ट्रपति हादी के समर्थन में है. सऊदी अरब के अगुवाई वाले गठबंधन ने साल 2015 में हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ हवाई हमले शुरू किए थे.
ये गठबंधन आज भी लगभग हर दिन हवाई हमले कर रहा है. हूती विद्रोही भी सऊदी अरब पर मिसाइल हमले करते रहे हैं. गृह युद्ध की वजह से यमन गहरे मानवीय संकट में फंस गया है.संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के इस संघर्ष की वजह से अब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.करीब एक करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर हैं.