शेख़ हसीना का भारत दौरा: किन मुद्दों पर सहमति, किन पर तकरार

<figure> <img alt="शेख़ हसीना" src="https://c.files.bbci.co.uk/6C51/production/_109092772_2faa5c22-d1c1-4c9f-9e24-96ded1bd6505.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख़ हसीना</figcaption> </figure><p>एनआरसी, सीमा पर कंटीले तारों की ‘फेंसिंग’ और घुसपैठ जैसे ज्वलंत मुद्दों के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना अपने चार दिवसीय दौरे के क्रम में भारत पहुंच गई हैं. </p><p>चुनाव जीतने और सरकार बनाने के बाद उनकी पहली भारत यात्रा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2019 10:56 PM

<figure> <img alt="शेख़ हसीना" src="https://c.files.bbci.co.uk/6C51/production/_109092772_2faa5c22-d1c1-4c9f-9e24-96ded1bd6505.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख़ हसीना</figcaption> </figure><p>एनआरसी, सीमा पर कंटीले तारों की ‘फेंसिंग’ और घुसपैठ जैसे ज्वलंत मुद्दों के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना अपने चार दिवसीय दौरे के क्रम में भारत पहुंच गई हैं. </p><p>चुनाव जीतने और सरकार बनाने के बाद उनकी पहली भारत यात्रा है. इस दौरे को भारत भी महत्व दे रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान ऐसा हो रहा है. </p><p>भारत दौरे पर आईं हसीना ‘वर्ल्ड इकनोमिक फ़ोरम’ की बैठक में शामिल हो रही हैं जिसमें 40 देश हिस्सा ले रहे हैं. भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाक़ात शनिवार को होगी.  </p><p>वैसे भारत ने बांग्लादेश को अपने मित्र देशों की श्रेणी में रखा हुआ है, लेकिन दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिनको लेकर पेंच भी है. जैसे चीन द्वारा बांग्लादेश को पनडुब्बी की आपूर्ति के साथ-साथ बंदरगाह की स्थापना और दोनों देशों के बीच कंटीले तारों की फ़ेंसिंग लगाने के काम में तेज़ी.</p><p>यूं तो कूटनीतिक स्तर पर दोनों ही देशों ने कभी भी एक दूसरे से सम्बन्ध ख़राब होने की कभी बात नहीं की है और न ही ऐसे कई बयान दिए हैं मगर कुछ मुद्दों पर दोनों के बीच थोड़ी खींचातनी ज़रूर रही है.</p><p>हालांकि भारत ने हमेशा कहा है कि बांग्लादेश के साथ उसके रिश्ते अब तक सबसे ज़्यादा अच्छे हैं. </p><figure> <img alt="शेख़ हसीना, नरेंद्र मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/141A3/production/_109093328_3dee06a0-f57e-4f74-8b77-d9fca8d84565.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी</figcaption> </figure><h3>अपनी-अपनी चिंताओं पर भी बात करेंगे दोनों देश</h3><p>यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर बांग्लादेश ने इसे भारत का अंदरूनी मामला बताया था.</p><p>इसी तरह बांग्लादेश ने ‘ओआईसी’ यानी ‘ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन’ में भारत को बतौर पर्यवेक्षक शामिल करने के लिए हमेशा समर्थन दिया है. इस संस्था में केवल मुस्लिम बहुल राष्ट्र ही शामिल होते हैं.      </p><p>हाल ही में न्यूयॉर्क में संपन्न संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान अलग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख़ हसीना के बीच लंबी बातचीत भी हुई थी जिसमे कई मुद्दों पर पहले ही चर्चा हो चुकी है.  </p><p>बांग्लादेश में भारत के उच्च आयुक्त रहे पिनाक रंजन चक्रवर्ती ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि हसीना के दौरे के क्रम में दोनों ही देश अपनी चिंताओं पर भी बात करेंगे.   </p><p>चक्रवर्ती कहते हैं कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच पहले ही काफ़ी कुछ तय हो चुका है. मसलन आतंकवाद से सख़्ती के साथ निपटने और बेहतर यातायात तंत्र का विकास.  </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-46772923?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हसीना भारत और चीन में संतुलन कैसे साधती हैं?</a></p><figure> <img alt="बांग्लादेश" src="https://c.files.bbci.co.uk/5B2B/production/_109093332_e8e6d53b-20e4-4d94-b564-02312db63f85.jpg" height="549" width="976" /> <footer>MOAZZEM HOSSEIN</footer> </figure><p><strong>अवैध घुसपैठ बड़ा मुद्दा</strong>जानकारों का कहना है कि भारत और बांग्लादेश के बीच घुसपैठ सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. </p><p>वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था. फिर ये मुद्दा दोबारा इस साल आम चुनावों में भी उठाया  गया. </p><p>दोनों देशों के बीच सम्बन्धों पर नज़र रखने वाली जोईता भट्टाचार्य कहती हैं कि इन सब के बावजूद भारत और बांग्लादेश बीच सम्बन्ध बेहतर बने रहे. </p><p>जोईता कहती हैं कि नरेंद्र मोदी ने अपने पहले शासनकाल के दौरान ही बांग्लादेश और भारत के बीच लंबित ज़मीन के मुद्दे को निपटा दिया था जिसके तहत ज़मीन का आदान-प्रदान भी हुआ. </p><p>हालांकि कुछ मुद्दे ऐसे भी हैं जिन पर दोनों देश एक-दूसरे के ख़िलाफ़ टिप्पणी नहीं करते हैं, मगर इन मुद्दों को लेकर खींच-तान बनी रहती है.   </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49894767?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बांग्लादेशियों को राज्य से बाहर निकाल सकेगी यूपी पुलिस?</a></p><figure> <img alt="एनआरसी" src="https://c.files.bbci.co.uk/A94B/production/_109093334_2d1505cf-5945-4fa8-83ec-6135b5143bca.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Debalin Roy/BBC</footer> </figure><h3>एनआरसी से चिंतित है बांग्लादेश</h3><p>भारत और बांग्लादेश की सीमा पर कंटीले तारों को लगाने का काम जारी है. हालांकि ऐसा कहा जा रहा था कि इससे दोनों मित्र देशों के बीच सम्बन्धों में तल्ख़ियां पैदा हो सकती हैं.</p><p>उधर असम में एनआरसी की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बांग्लादेश को लगता है कि उसके पास और शरणार्थियों को रखने की क्षमता नहीं है. </p><p>अगर भारत से भी लोगों को एनआरसी की प्रक्रिया के बाद बांग्लादेश भेजा जाता है तो रोहिंग्या शरणार्थियों से जूझ रहे बांग्लादेश के लिए ये भी बड़ी चुनौती होगी, </p><p>हालाँकि एनआरसी की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर की जा रही है न कि भारत सरकार के निर्देश पर.  </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49909582?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">असमः नागरिकता की जांच कर रहे फॉरेनर्स ट्राइब्यूनल्स पर क्यों है सवाल?</a></p><figure> <img alt="बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/F76B/production/_109093336_1eeb3c52-f29e-41b9-9d3d-6d9f90bbadcc.jpg" height="736" width="1130" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>ज़्यादातर मुद्दों पर आपसी सहमति</h3><p>बीबीसी बांग्ला सेवा के वरिष्ठ संवाददाता शुभोज्योति घोष कहते हैं कि ज़्यादातर मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति है जिन पर बांग्लादेश ने खुलकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. </p><p>शुभोज्योति कहते हैं, &quot;कंटीले तार लगाए जाने पर बांग्लादेश का आधिकारिक पक्ष रहा है कि अगर दोनों अच्छे मित्र हैं तो बीच में फिर दीवार क्यों ? लेकिन दूसरी तरफ़ जब मेरी बात भारत में मौजूद बांग्लादेश के उच्चायुक्त सय्यद मोअज़्ज़म अली ने मुझसे बातचीत में कहा कि एक तरह से बांग्लादेश को ही इससे फ़ायदा हुआ.”</p><p>अली का कहना है कि बाड़ लगने की वजह से भारत से होने वाली गौ तस्करी बंद हुई और बांग्लादेश पशुपालन में आत्मनिर्भर हो गया.&quot; </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49546257?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">भारतीयों को निकालने पर अमित शाह क्या करेंगे? </a></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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