बरदो (फ्रांस) : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन कंपनी से पहला राफेल लड़ाकू विमान प्राप्त किया. विजयादशमी और वायुसेना दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री ने फ्रांस के बरदो दसॉल्ट एविएशन कंपनी पहुंचकर इसे प्राप्त किया. इसके बाद रक्षा मंत्री ने राफेल में करीब 30 मिनट तक उड़ान भरी. वह पिछली सीट पर बैठे थे.
इसके साथ ही वह देश के पहले रक्षा मंत्री बन गये जिन्होंने राफेल में उड़ान भरी. इससे पहले रक्षा मंत्री ने तेजस में भी उड़ान भरकर इतिहास रचा था. उड़ान भरने के बाद राजनाथ सिंह ने अपने अनुभव को साझा करते हुए पायलट कैप्टन फिल की सराहना की. उन्होंने कहा कि उड़ान भरने से पहले कैप्टन फिल ने हर एक बात बतायी जिसकी उड़ान के समय सावधानी बरती जाती है. राजनाथ ने कहा, यह बहुत ही शानदार उड़ान थी. उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगी का यह अद्भुत क्षण था. मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी मुझे इस लड़ाकू विमान में उड़ने का अवसर मिलेगा.
इससे पनहले फ्रांस से खरीदे गये 36 राफेल लड़ाकू विमानों की शृंखला में औपचारिक रूप से प्रथम विमान सौंपे जाने के लिए आयोजित एक समारोह में रक्षा मंत्री नेकहा कि फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को और मजबूती प्रदान करेगा. सिंह ने पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों के साथ अपनी सार्थक बैठक के दौरान भारत-फ्रांस के बीच मजबूत रणनीतिक संबंधों पर भी चर्चा की. इसके बाद, फ्रांस के दक्षिण-पश्चिम स्थित मेरिनियाक में राफेल लड़ाकू विमान सौंपे जाने के लिए आयोजित समारोह में सिंह अपनी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ले के साथ शरीक हुए. इस समारोह का आयोजन राफेल विमान निर्माता दसाल्ट एविएशन के प्रतिष्ठान में किया गया था. सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने से ठीक पहले नये विमान पर शस्त्र पूजन किया और उस पर ‘ओम’ तिलक लगाया तथा पुष्प एवं एक नारियल चढ़ाया. उनके साथ भारतीय सशस्त्र बलों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी थे.
उन्होंने राफेल में उड़ान भरने से ठीक पहले कहा, इस नये लड़ाकू विमान में उड़ना बहुत ही सम्मान की बात है. उल्लेखनीय है कि सिंह ने 19 सितंबर को बेंगलुरु के एचएएल हवाईअड्डा से स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी थी. इसमें उड़ान भरने वाले वह प्रथम रक्षा मंत्री हैं. सिंह ने उपस्थित लोगों से कहा, हमारी वायुसेना दुनिया में चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है और मेरा मानना है कि राफेल मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना को और मजबूती प्रदान करेगा तथा हमारी हवाई क्षमता को बढ़ाते हुए क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा, मुझे बताया गया है कि फ्रेंच शब्द ‘राफेल’ का अर्थ ‘आंधी’ है. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि विमान अपने नाम को सार्थक करेगा. रक्षा मंत्री के समक्ष ‘आरबी001′ राफेल का अनावरण भी किया गया.
वहीं, सिंह ने सालाना भारत-फ्रांस रक्षा वार्ता के संदर्भ में पेरिस में कहा, आज भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया गया है और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग एक नये मुकाम पर पहुंचा है. उन्होंने कहा, यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, जो भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी की गहरायी को प्रदर्शित करता है. आज विजयादशमी है और साथ ही भारतीय वायुसेना का 87 वां स्थापना दिवस भी है. पार्ले ने राफेल के बारे में कहा कि यह फ्रांस की सर्वश्रेष्ठ चीज है जिसकी पेशकश फ्रांस ने भारत को अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए की है. यह ‘मेक इन इंडिया’ की पहल के प्रति फ्रांसीसी प्रतिबद्धता भी है. फ्रांसीसी मंत्री ने कहा, यह कोई संयोग नहीं है कि यह समारोह दशहरा के दिन और भारतीय वायुसेना के 87 वें स्थापना दिवस के दिन आयोजित हुआ. यह हमारे सर्वोच्च महत्त्व को प्रदर्शित करता है जो हम भारत के साथ अपने सहयोग को देते हैं.
उन्होंने कहा, यह एक लंबी यात्रा में पहला कदम भर है क्योंकि कि हम भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह हमारे औद्योगिक सहयोग के इतिहास में एक बड़ा दिन है और मेक इन इंडिया पहल के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों का यह संस्करण विशेष रूप से भारतीय वायुसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है. इस अवसर पर दसाल्ट एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एरिक ट्रैप्पियर ने कहा, भारतीय वायुसेना के लिए 1953 में ‘तूफानी’ सौंपे जाने के साथ हमारे संबंधों का इतिहास शुरू हुआ था और तब से हमने इस देश के साथ निरंतर प्रतिबद्धता रखी है, जिसका फ्रांस की सरकारों ने समर्थन किया. भारत ने 59,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीद का आर्डर दिया था. चार लड़ाकू विमानों की प्रथम खेप भारत में वायुसेना के अड्डे पर मई 2020 में आयेगी. सभी 36 लड़ाकू विमानों के सितंबर 2022 तक भारत पहुंचने की उम्मीद है.
सिंह भारतीय वायुसेना द्वारा खरीदे गये 36 राफेल लड़ाकू विमानों में प्रथम विमान को सौंपे जाने के आधिकारिक समारोह में शामिल होने के लिए सोमवार को फ्रांस पहुंचे थे. फ्रांस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में उनसे मुलाकात के दौरान सिंह ने फ्रांस को भारत का महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बताया. रक्षा मंत्रालय ने इस बैठक को बहुत गर्मजोशी भरा और सार्थक बताया. बैठक करीब 35 मिनट चली. इसके बाद मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया, यह बैठक दर्शाती है कि भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय साझेदारी कितनी गहरी है, खासकर रक्षा क्षेत्र में और हाल के वर्षों में यह उल्लेखनीय रूप से सुदृढ़ हुई है. दोनों नेताओं ने इन संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया.
इसमें कहा गया, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने और मेक इन इंडिया पहल को समर्थन देने के लिए सिंह ने राष्ट्रपति मैक्रों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति जाक शिराक के निधन पर भारत सरकार की ओर से शोक व्यक्त किया. फ्रांस आये मंत्री स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा, फ्रांस के साथ हमारे बहु-आयामी संबंध हैं और संबंध सभी मोर्चों पर आगे बढ़ रहे हैं. आज की बातचीत दोनों देशों के बीच व्यापक रक्षा चर्चा का हिस्सा है. सिंह का बुधवार को फ्रांसीसी रक्षा उद्योग क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के सीईओ को बुधवार को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है. सिंह उन्हें अगले साल फरवरी में लखनऊ में आयोजित होने वाले ‘डिफेंसएक्सपो’ में भाग लेने का न्योता देंगे.