शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात को लेकर चीनी मीडिया ने कही ये बात
बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक वार्ता करने के लिए शुक्रवार की सुबह भारत के लिए रवाना हुए। दोनों के बीच यह मुलाकात दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में होगी. शी दोपहर को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई पहुंचेंगे. शाम के वक्त वह मोदी से मुलाकात करेंगे और ऐतिहासिक पर्यटन […]
बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक वार्ता करने के लिए शुक्रवार की सुबह भारत के लिए रवाना हुए। दोनों के बीच यह मुलाकात दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में होगी. शी दोपहर को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई पहुंचेंगे. शाम के वक्त वह मोदी से मुलाकात करेंगे और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल मामल्लापुरम में कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे.
जिनपिंग के भारत दौरे से पहले चीनी मीडिया ने भारत से दोस्ती को अहम बताया है. चीनी मीडिया के अनुसार दोनों देश की दोस्ती ही 21वीं सदी को एशिया का बना सकते हैं. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस मुलाकात को लेकर एक लेख छापा है जिसमें उसने कहा है कि बीते कुछ समय से एशिया की सदी की बात काफी होती है. एशिया के कई नेता और रणनीतिकार अकसर ये कहते नजर आते हैं कि 19वीं सदी यूरोप की थी, 20वीं सदी अमेरिका की और अब 21वीं सदी एशिया की रहने वाली है. अखबार ने इस लेख में भारतीय थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की एक रिपोर्ट का जिक्र किया है और कहा है कि यह चीन और भारत की आर्थिक प्रगति से ही संभव हो पाएगा. मोदी और जिनपिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता को महत्वपूर्ण बताते हुए चीनी मीडिया ने कहा है कि इससे दोनों देशों के संबंध को नया आयाम मिलेगा.
भारत के साथ आर्थिक सहयोग का जिक्र भी अखबार ने अपने लेख में किया है. अखबार ने कहा कि चीनी कंपनियों ने पिछले कुछ सालों में भारत के मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों में हिस्सा लिया है और निवेश में इजाफा किया है. यही नहीं भारतीय कंपनियों का भी चीन में इन्वेस्टमेंट बढ़ता नजर आया है. हालांकि अखबार ने यह भी कहा है कि भारत की ओर से संदेह के कारण दोनों देश आर्थिक तौर पर एक साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर नहीं हैं. दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का जिक्र भी अखबार ने किया है. लेख में कहा गया है कि यदि इस विवाद का शांतिपूर्ण ढंग से निपटा हो जाए तो इससे दुनिया के सामने एक मॉडल पेश हो सकता है. इस विवाद के निपटारे से पूरी दुनिया में यह संदेश जाएगा कि किस तरह से दो ताकतें एक साथ आ सकती हैं. एशिया के उदय के लिए अखबार ने भारत और चीन की दोस्ती को अहम करार दिया है.