लंदन : ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को 11 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में रखने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया. हिरासत की नियमित सुनवाई के लिए लंदन की जेल से वीडियो लिंक के जरिये अदालत में उसकी पेशी हुई.
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की न्यायाधीश नीना तेम्पिया ने पुष्टि की कि मोदी के प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई अगले साल 11 से 15 मई के बीच होनी है और उसे हर 28 दिन में अंतिम समीक्षा सुनवाई के लिए वीडियो लिंक के जरिये पेश होना होगा जब तक कि अगली फरवरी से मुकदमा शुरू नहीं हो जाता. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी करने एवं धन शोधन के आरोप में नीरव मोदी को भारत को प्रत्यर्पित किये जाने के मामले के संबंध में यह सुनवाई चल रही है.
नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था और वह तब से ही दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है. सॉलिसीटर आनंद दूबे और बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमरी के नेतृत्व में उसकी कानूनी टीम ने उसकी गिरफ्तारी के बाद से चार जमानत याचिकाएं दायर की जिसे हर बार खारिज कर दिया गया. दलील दी गयी कि मोदी फरार हो सकता है.
सितंबर में लंदन में मजिस्ट्रेट अदालत में हुई पिछली कॉल-ओवर सुनवाई में न्यायाधीश डेविड रॉबिनसन ने मोदी से कहा था कि इसमें कुछ भी ठोस नहीं है जिसे सुना जाये. अदालत 11 से 15 मई 2020 तक चलने वाली प्रत्यर्पण मुकदमे की सुनवाई पर काम कर रही है. इस संक्षिप्त सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों का एक दल मौजूद था.