तोक्योः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जापान के सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होने के लिये सोमवार को यहां पहुंचे. वह तोक्यो में एक बौद्ध मंदिर भी गये और वहां बोधि वृक्ष से तैयार किया गया एक पौधा लगाया. राष्ट्रपति इस पौधे को अपने साथ भारत से लेकर आए थे.
जपान में 19 वर्ष के अंतराल बाद भारतीय राष्ट्रपति का जापान दौरा हो रहा है. इससे पहले 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमण ने सम्राट एमेरिटस अकिहोतो के राज्याभिषेक समारोह में हिस्सा लिया था. सम्राट अकिहोतो ने पिछले साल अपना पद छोड़ा है. राष्ट्रपति अपनी पांच दिन की फिलीपीन की राजकीय यात्रा के बाद आज सुबह तोक्यो पहुंचे.
राष्ट्रपति भवन की तरफ से किये गए ट्वीट के मुताबिक वह मंगलवार को सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होंगे. कोविंद बाद में त्सुकिजी होंगवांजी बौद्ध मंदिर गए जो एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है.
राष्ट्रपति ने अंग्रेजी और जापानी भाषा में किये गए ट्वीट में कहा, तोक्यो के त्सुकिजी होंगवांजी बौद्ध मंदिर का जाकर प्रसन्न हूं. मंदिर में बोधि वृक्ष का पौधा लगाया जो मैं अपने साथ भारत से लेकर आया था. यह पौधा अब अपने नए पावन माहौल में पनपेगा तथा भारत-जापान सभ्यता संबंधों और हमारी साझा विरासत का प्रतीक होगा.
उन्होंने तोक्यो में शिंटो मीजी समाधि भी गए. यह समाधि महाराज मीजी और उनकी पत्नी सम्राज्ञी शोकेन की है. इस बीच नारुहितो अपने राज्याभिषेक समारोह के बाद खुद को जापान का 126वां सम्राट घोषित कर सकेंगे. राज्याभिषेक की रस्में सातवीं शताब्दी के समय की हैं.