ऑनलाइन एग्जाम तैयारी व सावधानी जरूरी
शिखर चंद जैन तैयारी व सावधानी जरूरी ऑनलाइन पैटर्न के कई फायदे हैं. बड़ी मात्रा में कागज और स्याही की बचत होने की वजह से यह पर्यावरण के अनुकूल तो है ही, साथ ही इससे समय की बचत भी होती है. इस तरह के एग्जाम में पेपर लीक होने और एग्जाम री शेड्यूल होने का […]
शिखर चंद जैन
तैयारी व सावधानी जरूरी
ऑनलाइन पैटर्न के कई फायदे हैं. बड़ी मात्रा में कागज और स्याही की बचत होने की वजह से यह पर्यावरण के अनुकूल तो है ही, साथ ही इससे समय की बचत भी होती है. इस तरह के एग्जाम में पेपर लीक होने और एग्जाम री शेड्यूल होने का डर भी नहीं रहता. इसका एक और बड़ा फायदा यह है कि इसके रिजल्ट बहुत जल्दी दिये जा सकते हैं. कई इंस्टीट्यूट तो एग्जाम खत्म होते ही रिजल्ट बता देते हैं.
परीक्षार्थी अपनी सुविधा के मुताबिक दिन के दो-तीन अलग-अलग टाइम स्लॉट और दो-तीन अलग-अलग तिथियों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं.
जो विद्यार्थी इसके अभ्यस्त हो जाते हैं, उन्हें इस तरह के एग्जाम पेन पेपर एग्जाम की तुलना में ज्यादा सहज और सुविधाजनक लगने लगते हैं. लेकिन, पहली बार ऑनलाइन एग्जाम दे रहे विद्यार्थियों में इसे लेकर संशय और घबराहट बनी रहती है. कुछ बातों पर गौर करके वे आसानी से यह एग्जाम दे सकते हैं.
टेक सेवी बनें
किसी भी ऑनलाइन एग्जाम में सही ढंग से परफॉर्म करने के लिए सबसे पहली शर्त यह है कि आप टेकसेवी बनें यानी कंप्यूटर की कार्यप्रणाली को अच्छी तरह जान लें. इसके लिए आपको शुरू से ही कंप्यूटर पर टाइपिंग, सर्चिंग और लर्निंग की प्रैक्टिस करनी चाहिए. साथ ही समय-समय पर ऑनलाइन मॉक टेस्ट भी लेने चाहिए. इससे आपको कंप्यूटर की कार्य प्रणाली की जानकारी मिलेगी, हिचक दूर होगी और कर्सर को सही ढंग से मैनेज करना आ जायेगा.
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एग्जाम शुरू करने से पहले दिये गये निर्देशों को सावधानी से पढ़ लें. इसमें सभी सिंबल, एब्रिवेशन आदि समझ लें. निगेटिव मार्किंग, हर प्रश्न के मार्क्स, कंपल्सरी क्वेश्चन, अवेलेबल ऑप्शन (अगर है तो) आदि चीजों को जान लें.
सेव करना न भूलें
जब भी आप किसी क्वेश्चन को अटेंप कर लेते हैं, तो अपनी मार्किंग या आंसर को सेव जरूर कर लें(वैसे ज्यादतर ऑटो सेव हो जाते हैं). अगर सिस्टम ऑटोमेटिकली आपका आंसर सेव नहीं करता है, तो सवाल को अनुत्तरित माना जायेगा. री अटेंप, रिव्यू और आंसर में चेंज का ऑप्शन खुला रखने के लिए आंसर को पहली बार में सबमिट न करें.
पेज क्विट हो जाये तो मदद लें
नर्वसनेस, अधूरी जानकारी या असावधानी से कभी-कभी पेपर पूरा होने से पहले ही पेज क्विट हो जाता है. ऐसे में तुरंत इनविजिलेटर की मदद लें. एग्जाम घर से दे रहे हैं, तो हेल्पलाइन नंबर हमेशा सामने रखें.
अपसेट न हों
टेक्निकल प्रॉब्लम कभी भी किसी के साथ भी हो सकती है. ऐसे में घबराने से कोई फायदा नहीं. सभी संभावित विकल्पों को आजमायें.
सही स्ट्रेटजी बनाएं
कोलकाता में ईस्टर्न रीजन की स्टूडेंट यूनियन के चेयरमैन, मेंटर एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट हरिराम अग्रवाल बताते हैं कि ऑनलाइन एग्जाम में आपको सही रणनीति से काम लेना चाहिए. बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्नों में सबसे पहले दो विकल्प चुनें और फिर उनमें से एक को अंतिम रूप से चुनें. निगेटिव मार्किंग है तो किसी भी प्रश्न को तभी हल करें, जब आप 50 फीसदी से ज्यादा श्योर हों वरना उसे यूं ही छोड़ दें. आसान हिस्से को पहले और मुश्किल हिस्से को बाद में सॉल्व करें.
टाइम मैनेजमेंट है जरूरी
ऑनलाइन टेस्ट में भी टाइम मैनेजमेंट बेहद जरूरी है. एक क्वेश्चन पर ज्यादा समय लगने की उम्मीद हो, तो उसे लास्ट में करें और सभी सवालों को मेंटल कैलकुलेशन के अनुसार समान समय दें.