एनसीईआरटी से करें गाइडेंस व काउंसलिंग में डिप्लोमा

अवसर डेस्क आज के तनावपूर्ण जीवन में बड़े ही नहीं, बच्चे भी कई तरह की परेशानियों जैसे एग्जाम प्रेशर आदि का सामना कर रहे हैं. ऐसे में उनकी परेशानियों को समझकर उन्हें अंधेरे से निकालने का काम करते हैं काउंसलर. एक शिक्षक होने के साथ-साथ यदि आप बच्चों की परेशानी को समझ कर उन्हें आगे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2019 3:52 AM
अवसर डेस्क
आज के तनावपूर्ण जीवन में बड़े ही नहीं, बच्चे भी कई तरह की परेशानियों जैसे एग्जाम प्रेशर आदि का सामना कर रहे हैं. ऐसे में उनकी परेशानियों को समझकर उन्हें अंधेरे से निकालने का काम करते हैं काउंसलर. एक शिक्षक होने के साथ-साथ यदि आप बच्चों की परेशानी को समझ कर उन्हें आगे बढ़ने की राह दिखाना चाहते हैं, तो एनसीईआरटी द्वारा आयोजित गाइडेंस एंड काउंसलिंग डिप्लोमा कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं.
लगातार बढ़ती प्रतियोगिता ने जीवन को काफी गहराई से प्रभावित किया है. मौजूदा दौर की रफ्तार से कदमताल मिलाने के लिए बच्चों को अच्छे अंक लाने के दबाव का सामना करना पड़ता है. युवाओं को सफल करियर बनाने के लिए लगातार मेहनत करनी होती है. ऐसे में कई बार छात्र अच्छा परफॉर्म करने के दबाव में इस कदर तनावग्रस्त हो जाते हैं कि वे चाह कर भी पढ़ाई व करियर पर ध्यान क्रेंदित नहीं कर पाते. इस मुश्किल दौर में उन्हें किसी ऐसे सलाहकार की जरूरत होती है, जो उन्हें तनाव से बाहर निकलने का रास्ता दिखा सके. इस स्थित में एक बेहतरीन मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं काउंसलर. बच्चों को पियर प्रेशर से बचाने में काउंसलर के महत्व को देखते हुए नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) शिक्षकों के लिए डिप्लोमा कोर्स इन गाइडेंस एंड काउंसलिंग शुरू करने जा रही है. इस कोर्स में हिस्सा लेकर आप बच्चों के मुश्किल समय को आसान बनाने में उनकी मदद कर सकते हैं.
कौन कर सकता है आवेदन
इस काेर्स के लिए शिक्षक, एजुकेटर, स्कूल एडमिनिस्ट्रेटर आदि आवेदन कर सकते हैं. शिक्षण कर रहे टीचर के पास स्नातक के साथ टीचिंग डिग्री होनी चाहिए. वे शिक्षक जो पढ़ा नहीं रहे, उनके पास स्नातक व टीचिंग डिग्री के साथ न्यूनतम दो वर्ष का टीचिंग अनुभव होना चाहिए. वहीं साइकोलॉजी/ एजुकेशन/ सोशल वर्क/ चाइल्ड डेवलपमेंट/ स्पेशल एजुकेशन में परास्नातक भी आवेदन के योग्य हैं.
काेर्स की अवधि
एनसीईआरटी द्वारा आयोजित यह कोर्स एक साल का है, जिसे तीन फेज में बांटा गया है. कोर्स को डिस्टेंस और फेस-टू-फेस दोनों मोड में आयोजित किया जायेगा. पहला फेज गाइडेड सेल्फ-लर्निंग का है, इसकी अवधि छह माह (डिस्टेंट) है. दूसरा फेज इन्सेंटिव प्रेक्टिकम तीन माह (फेज-टू-फेज) है, वहीं तीसरा फेज तीन माह की इंटर्नशिप का है.कोर्स को हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों में पढ़ाया जायेगा. अधिक जानकारी के लिए आप दिये गये लिंक की मदद ले सकते हैं.
कोर्स फीस
सेंट्रल गर्वनमेंट द्वारा संचालित संस्थान में पढ़ानेवाले शिक्षक को इस कोर्स के लिए 19,500 रुपये, स्टेट गवर्नमेंट के संस्थान में पढ़ानेवाले शिक्षक को 6000 रुपये और प्राइवेट संस्थान में पढ़ा रहे शिक्षकों को 30,000 रुपये फीस के रूप में देने होंगे.

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