15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पाकिस्तानी टीवी एंकरों को निर्देश- शो में न दें अपनी राय, भूमिका संचालन तक सीमित

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक ने ‘टॉक शो’ के दौरान टीवी एंकरों के राय देने पर रोक लगा दी है और उनकी भूमिका महज ‘संचालन’ करने तक सीमित कर दी है. सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी. डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, रविवार को जारी किये गये आदेश […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक ने ‘टॉक शो’ के दौरान टीवी एंकरों के राय देने पर रोक लगा दी है और उनकी भूमिका महज ‘संचालन’ करने तक सीमित कर दी है. सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी.

डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, रविवार को जारी किये गये आदेश में पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटर अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने नियमित शो करने वाले एंकरों को निर्देश दिया कि वे अपने या दूसरे चैनलों के टॉक शो में विशेषज्ञ की तरह पेश न हों. पीईएमआरए की आचार संहिता के मुताबिक एंकर की भूमिका कार्यक्रम का संचालन निष्पक्ष, तटस्थ और बिना भेदभाव के करने की है और उन्हें किसी मुद्दे पर व्यक्तिगत राय, पूर्वाग्रहों या फैसला देने से खुद को मुक्त रखना है. खबर में आदेश का हवाला देते हुए कहा गया, इसलिए नियमित रूप से खास शो का संचालन करने वाले एंकरों को अपने या किसी दूसरे चैनल के टॉक शो में बतौर विषय विशेषज्ञ पेश नहीं होना चाहिए.

नियामक निकाय ने मीडिया घरानों को निर्देश दिया कि वे टॉक शो के लिए मेहमानों का चयन बेहद सतर्कता से करें और ऐसा करने के दौरान उस खास विषय पर उनके ज्ञान और विशेषज्ञता को भी ध्यान में रखें. खबर में कहा गया कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा 26 अक्तूबर को दिये गये एक आदेश के बाद सभी सैटेलाइट टीवी चैनलों को यह आदेश जारी किया गया. अदालत ने शहबाज शरीफ बनाम सरकार के मामले में विभिन्न टीवी टॉक शो पर संज्ञान लिया, जहां एंकरों ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए न्यायपालिका और उसके फैसलों की छवि दुर्भावनापूर्ण मंशा से धूमिल करने की कोशिश की. इसमें कहा गया, अदालत ने ऐसे उल्लंघनों पर पीईएमआरए द्वारा की गयी कार्रवाई और सजा पर रिपोर्ट मांगी.

पीईएमआरए ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस बात पर भी संज्ञान लिया कि कुछ एंकर/पत्रकारों ने 25 अक्तूबर को कुछ टीवी चैनलों पर कयासों के आधार पर चर्चा की और आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 26 अक्तूबर को जमानत देने के संदर्भ में एक कथित डील हुई है. इसमें कहा गया, ऐसा माना गया कि यह माननीय उच्च न्यायालय की छवि और अक्षुण्णता को धूमिल करने और उनके फैसले को विवादित करने का प्रयास है. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में 26 अक्तूबर को मंगलवार को जमानत दे दी थी. शरीफ इस मामले में सात साल कैद की सजा काट रहे थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें