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रिपोर्टः अमेरिका में सबसे मशहूर भाषा बनी हिंदी, भारतीय भाषाओं में सबसे पसंदीदा
वाशिंगटनः अमेरिका में बीते आठ सालों में अगर कोई भाषा की मांग सबसे ज्यादा बढ़ी है तो वो है हिंदी. बीते आठ सालों में अमेरिका में हिंदी बोलने वालों की संख्या में 43.5 फीसदी की बढोतरी हुई है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि सात समंदर पार हिंदी का वर्चस्व संख्याबल के आधार पर बरकरार है. […]
वाशिंगटनः अमेरिका में बीते आठ सालों में अगर कोई भाषा की मांग सबसे ज्यादा बढ़ी है तो वो है हिंदी. बीते आठ सालों में अमेरिका में हिंदी बोलने वालों की संख्या में 43.5 फीसदी की बढोतरी हुई है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि सात समंदर पार हिंदी का वर्चस्व संख्याबल के आधार पर बरकरार है.
हिंदी के बाद बाद गुजराती और तेलुगु बोलने वालों का नंबर आता है. अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे (एसीएस) के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2018 तक 8.74 लाख लोगों के साथ अमेरिका में हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भारतीय भाषा रही, जो 2017 के आंकड़ों में 1.3% की मामूली बढ़ोतरी है.
एसीएस(America Community Survey) के 2018 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में 6.73 करोड़ निवासी जिनकी उम्र 5 साल से ज्यादा है और जिनमें मूल रूप से अमेरिका में जन्मे, कानूनी और अवैध प्रवासी शामिल हैं, अपने घर पर अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषा बोलते हैं. एसीएस के इस सर्वे में अमेरिका के 20 लाख से अधिक परिवारों को शामिल किया गया.
अमेरिका की कुल आबादी में बंगाली भाषा बोलने वाले 3.75 लाख लोग हैं जो इसी आठ साल की अवधि में लगभग 68 प्रतिशत बढ़े. इसके बाद तमिल बोलने वाले (1 जुलाई, 2018 तक) 3.08 लाख लोग हैं जिनमें 67.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह ध्यान देने की बात है कि भारत के अलावा अन्य देशों के व्यक्ति भी बंगाली बोलते हैं, जिनमें मुख्य रूप से बांग्लादेश के लोग शामिल हैं.
तमिल श्रीलंका, सिंगापुर और मलयेशिया जैसे देशों में बोली जाती है. गुजराती बोलने वाले लोगों की संख्या 4.19 लाख है, जो पिछले साल की तुलना में 3.5 प्रतिशत कम है. गौरतलब है कि एक जुलाई, 2018 तक 4 लाख तेलुगु भाषी लोग अमेरिका में थे.
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