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जस्टिस बोबडे बोले, आस्था तर्क पर नहीं टिकी होती- प्रेस रिव्यू

<figure> <img alt="जस्टिस बोबडे" src="https://c.files.bbci.co.uk/A7A5/production/_109471924_630097a4-b4b5-4325-85b5-195569bff9f9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Sci.govi.in</footer> <figcaption>जस्टिस बोबडे</figcaption> </figure><p>भारतीय सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे का मानना है कि हर धर्म में ऐसी मान्यताएं होती हैं जिनके पीछे कोई तर्क नहीं होता और न ही उन्हें तर्कों की कसौटी पर कसा जा सकता है. </p><p>जस्टिस बोबडे ने ये […]

<figure> <img alt="जस्टिस बोबडे" src="https://c.files.bbci.co.uk/A7A5/production/_109471924_630097a4-b4b5-4325-85b5-195569bff9f9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Sci.govi.in</footer> <figcaption>जस्टिस बोबडे</figcaption> </figure><p>भारतीय सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे का मानना है कि हर धर्म में ऐसी मान्यताएं होती हैं जिनके पीछे कोई तर्क नहीं होता और न ही उन्हें तर्कों की कसौटी पर कसा जा सकता है. </p><p>जस्टिस बोबडे ने ये बात अंग्रेज़ी अख़बार<strong><em>’द हिंदू’ </em></strong> को दिए एक <a href="https://www.thehindu.com/news/national/all-forms-of-authority-under-challenge-says-justice-bobde/article29835975.ece">साक्षात्कार</a> में कही है. </p><p>उन्होंने कहा,&quot;हर धर्म की अपनी प्रथाएं और मान्यताएं होती हैं जो रहस्य जैसी होती हैं. इन आस्थाओं के पीछे कोई तर्क नहीं होता है. अगर हम प्रार्थना को ही देखें तो हर धर्म में प्रार्थना करने के अलग-अलग तरीके हैं.&quot;</p><p>सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत धर्म और आस्था से जुड़ी याचिकाओं की संख्या बढ़ने के बारे में जस्टिस बोबडे ने कहा कि इन याचिकाओं को देखकर पता चलता है कि लोग अपनी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहा है. </p><p>भारतीय संविधान का अनुच्छेद 32 हर भारतीय नागरिक को उसके अधिकारों के हनन पर सुप्रीम कोर्ट में अपील का अधिकार देता है. </p><p>’द हिंदू’ ने जस्टिस बोबडे के इस इंटरव्यू को पहले पन्ने पर जगह दी है. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50161526?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कौन लोग हैं जिन्हें ‘बच्चे की दुआ’ से दिक़्क़त है?</a></p><p>जस्टिस बोबडे का एक <a href="http://epaper.indianexpress.com/2395738/Delhi/October-31-2019#page/1/2">इंटरव्यू</a><strong><em> </em></strong><strong><em>इंडियन एक्सप्रेस</em></strong>में भी प्रकाशित हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस ने इस इंटरव्यू को पहले पन्ने पर एंकर स्टोरी बनाकर छापा है.</p><p>इस साक्षात्कार में जस्टिस बोबडे ने कहा है कि अयोध्या मामले की सुनवाई का हिस्सा बनने को वो अपनी ख़ुशकिस्मती और ‘लाइफ़ टाइम मौक़ा’ मानते हैं.</p><p>क्या कश्मीर मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने पर्याप्त काम किया है?</p><p>इस सवाल के जवाब में जस्टिस बोबडे ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा है कि ये मामले अब भी अदालत में विचाराधीन हैं.</p><p>जस्टिस शरद अरविंद बोबडे भारत के सुप्रीम कोर्ट के 47वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. वो 18 नवंबर को शपथ लेंगे. </p><p>सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-42845141?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">BBC SPECIAL: क्या आपको पता है गांधी का धर्म क्या था?</a></p><figure> <img alt="दिल्ली वायु प्रदूषण" src="https://c.files.bbci.co.uk/103CB/production/_109470566_1dd014e2-f14a-4343-bab5-bebe2f638936.jpg" height="685" width="1013" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>दिल्ली</strong><strong>-एनसीआर</strong><strong> की हवा बेहद ज़हरीली </strong></p><p><strong><em>टाइम्स ऑफ़ इंडिया </em></strong> की <a href="https://timesofindia.indiatimes.com/city/delhi/at-35-of-pm2-5-farm-fires-hold-city-in-grip/articleshow/71827756.cms">रिपोर्ट</a> के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स<em>'</em><em>ख़तरनाक </em> स्तर पर पहुंच गया है. </p><p>अख़बार लिखता है कि वायु प्रदूषण के भयानक स्तर को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर के कई स्कूलों ने बच्चों के अभिभावकों से कहा है कि वो उन्हें मास्क पहनाकर स्कूल भेजें.</p><p>विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के अनुसार दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुंए की हिस्सेदारी 35 फ़ीसदी हो गई है, जो इस मौसम में सबसे ज़्यादा है. </p><p>अगले दो दिनों तक ऐसी ही हवा रहने के आसार हैं. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50205051?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिल्ली के प्रदूषण के लिए दिवाली कितनी ज़िम्मेदार?</a></p><figure> <img alt="अयोध्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/13FFD/production/_109471918_61a893f1-1ad4-4be9-bc98-46e983022279.jpg" height="697" width="1019" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>अयोध्या पर फ़ैसले को खुले दिल से स्वीकारें लोग: संघ</h3><p><em>इंडियन एक्सप्रेस </em> में छपी <a href="http://epaper.indianexpress.com/2395738/Delhi/October-31-2019#page/1/2">ख़बर</a> के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से पहले अपील की है कि लोग अदालत के फ़ैसले को खुले दिल से स्वीकार करें. </p><p>आरएसएस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है, ”आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है. निर्णय जो भी आए ,उसे सभी ने खुले मन से स्वीकार करना चाहिए. निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे,यह सबका दायित्व है. इस विषय पर भी बैठक में विचार हो रहा है.</p><p><a href="https://twitter.com/RSSorg/status/1189507363457290240">https://twitter.com/RSSorg/status/1189507363457290240</a></p><p>16 अक्टूबर को भारतीय सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने अयोध्या मामले पर अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था.</p><p>माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर से पहले अयोध्या मसले पर फ़ैसला सुना सकती है क्योंकि मौजूदा चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50198634?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अयोध्या को अयोध्या की पहचान दिलानी है: योगी </a></p><figure> <img alt="हिंदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/0B65/production/_109471920_e574522b-87f3-4572-95a4-37ebfb36bbb2.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Thinkstock</footer> </figure><h3>अमरीका में हिंदी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भारतीय भाषा</h3><p><strong><em>टाइम्स ऑफ़ इंडिया</em></strong> की ही एक अन्य <a href="https://timesofindia.indiatimes.com/india/hindi-with-8-74-lakh-speakers-is-most-popular-indian-language-in-us/articleshow/71828154.cms">रिपोर्ट</a> के अनुसार हिंदी, अमरीका में बोली जाने वाली सबसे लोकप्रिय भारतीय भाषा है. </p><p>जुलाई 2018 के आंकड़ों के अनुसार अमरीका में 8.74 लाख लोग हिंदी बोलते हैं और 2017 के मुकाबले हिंदी बोलने वालों की संख्या में 1.3 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है. </p><p>हिंदी के बाद गुजराती और तेलुगू का स्थान है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-39949202?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या होता है भारत में हिंदी मीडियम होने का दर्द?</a></p><p><a href="https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1189561801941368832">https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1189561801941368832</a></p><h3>डीटीसी बस में केजरीवाल और मज़दूर को संभालता सैनिक</h3><p><strong><em>इंडियन एक्सप्रेस</em></strong> के पहले पन्ने पर एक बहुत ही मार्मिक <a href="http://epaper.indianexpress.com/2395738/Delhi/October-31-2019#page/1/2">तस्वीर </a>छपी है. </p><p>तस्वीर कश्मीर के कुलगाम की है. फ़ोटो में एक भारतीय सैनिक को कुछ प्रवासी मज़दूरों को सांत्वना देते हुए देखा जा सकता है. </p><p>कश्मीर में हाल के दिनों में कश्मीर से बाहर के लोगों पर लगातार जानलेवा हमले की ख़बरें आ रही हैं. ख़ासकर प्रवासी मज़दूरों और ट्रक चालकों पर.</p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/407B/production/_109470561_cb16af45-8fba-4800-9203-042ca75991d2.jpg" height="561" width="889" /> <footer>Indian Express/Shuaib Masoodi</footer> </figure><p><strong><em>हिंदुस्तान टाइम्स</em></strong> के पहले पन्ने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक<a href="https://epaper.hindustantimes.com/Home/ShareImage?Pictureid=07bc29a2"> तस्वीर</a> है जिसमें वो डीटीसी बस में महिलाओं के साथ सफ़र करते नज़र आ रहे हैं.</p><figure> <img alt="अरविंद केजरीवाल" src="https://c.files.bbci.co.uk/8E9B/production/_109470563_fcba50dc-8075-493e-bed4-f44f6d5f7ea7.jpg" height="549" width="976" /> <footer>PTI</footer> </figure><p>दिल्ली सरकार ने डीटीसी और क्लस्टर बसों में सभी महिलाओं के लिए मुफ़्त यात्रा की शुरुआत की है. </p><p>इन बसों में महिला यात्रियों को गुलाबी टिकट दिए जाएंगे और दिल्ली सरकार इन टिकटों की संख्या के आधार पर भुगतान करेगी.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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