वाशिंगटन : सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर अमेरिका में सिख समुदाय के योगदान तथा बलिदान और देश एवं दुनिया भर में उनके साथ हुए भेदभाव को रेखांकित करने के लिए अमेरिकी संसद में प्रस्ताव पेश किये गये हैं. सीनेटर टॉड यंग और बेन कार्डिन द्वारा गुरुवार को पेश प्रस्तावों में से एक में 12 नवंबर को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का जिक्र है.
यंग ने कहा, ‘यह प्रस्ताव अमेरिकी सिखों का सम्मान करता है, जो हमारे राष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और विविधता का अभिन्न हिस्सा हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इंडियाना 10,000 से अधिक सिखों का घर है और मैं उनके सम्मान में पहला प्रस्ताव पेश कर गौरवान्वित हूं. यह विश्व का पांचवां सबसे बड़ा धर्म है, जिसके योगदान से होजियर (इंडियाना प्रांत के मूल निवासी) समुदाय समृद्ध हुआ है.’
सिखों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए प्रस्ताव में अमेरिका और विश्व भर में सिखों के साथ हुए भेदभाव का भी उल्लेख किया गया. कार्डिन ने सिखों का उनके सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्र में योगदान और उनके तथा अन्य समुदाय के खिलाफ हुए नस्लीय एवं धार्मिक भेदभाव के खिलाफ खड़े होने के उनके साहस की सराहना भी की.
कार्डिन ने कहा, ‘सिख अमेरिकी कई पीढ़ियों से अमेरिकी कहानी का एक गौरवपूर्ण हिस्सा रहे हैं और वे हमारे राष्ट्र तथा उन समुदायों को समृद्ध करना जारी रखेंगे, जिनमें वे रहते हैं.’ सीनेटर ने अपने प्रस्ताव में चार महान सिखों के अमेरिका में योगदान का जिक्र भी किया. इनमें पहले एशियाई-अमेरिकी सांसद सिख दलीप सिंह सौंद हैं, जिन्हें 1957 में पद पर चुना गया था.
‘फाइबर ऑप्टिक्स’ के आविष्कारक डॉ नरिंदर कपानी, अमेरिका में आड़ू के सबसे बड़े उत्पादक दीनार सिंह बैंस और प्रतिष्ठित ‘रोजा पार्क्स ट्रेलब्लेजर’ पुरस्कार विजेता गुरिंदर सिंह खालसा शामिल हैं. विश्व युद्धों के दौरान अमेरिका को अपनी सेवा देने वाले भगत सिंह थिंद की भी प्रस्ताव में सराहना की गयी है.
इंडियाना स्थित खालसा ने कहा, ‘यह अमेरिका में सिखों के लिए महान दिन है कि समुदाय के योगदान को रेखांकित करने वाले प्रस्ताव हाउस और सीनेट में पेश किये गये.’ संसद में एक अन्य प्रस्ताव सांसद टीजे कॉक्स द्वारा पेश किया गया, जिसके 67 अन्य सह प्रस्तावक थे. इसमें भी अमेरिका में सिख समुदाय के लोगों के योगदान को सराहा गया.