नयी दिल्ली: केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उज्बेकिस्तान के दौरे पर हैं. यहां ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान उन्होंने अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मुलाकात की. बता दें कि अफगानिस्तान के साथ भारत का मजबूत आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक रिश्ता है.
आर्थिक सहयोग से ही लोगों का कल्याण
ताशकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिन्दुस्तान के केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कई अहम मुद्दों पर अपना पक्ष रखा. राजनाथ सिंह ने कहा कि देशों के बीच परस्पर आर्थिक सहयोग की बदौलत लोगों का भविष्य मजबूत करने तथा उनके लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करना आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि आर्थिक सहयोग की बदौलत ही लोगों के कल्याण की नींव रखी जा सकेगी. रक्षामंत्री ने कहा कि ये हमारे लिए काफी अहम मुद्दा है.
परस्पर सहयोग की भावना पर दिया बल
आर्थिक मसलों पर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि एकाधिकार और संरक्षणवाद की भावना से किसी का भला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक गतिविधियों के केंद्र में विश्व व्यापार संगठन के साथ एक पारदर्शी, नियम-आधारित, खुला, समावेशी और गैर भेदभावपूर्ण बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली बनाना अहम है और भारत इसके लिए प्रतिबद्ध है.
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की मांग
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वैश्विक आतंकवाद के मसले पर भी अपना पक्ष रखा. उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने आए विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को कहा कि आतंकवाद के जरिए हमारे समाजों तथा विकासात्मक प्रयासों को बाधा पहुंचाने का प्रयास लगातार जारी है.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने का एक ही तरीका है कि किसी भी दोहरे मानदंड तथा किंतु-परंतु के बिना मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय कानूनों तथा तंत्र को आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों से निपटने के लिए मजबूती से लागू किया जाए. जाहिर है कि उनका इशारा आतंक के पनाहगाह पाकिस्तान की तरफ था.