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पाकिस्तान में इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए 48 घंटे की दी गयी समय सीमा, विपक्ष ने कही ये बात

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में मौलाना फजलुर्रहमान के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं ने गुरुवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए 48 घंटे की समय सीमा दी और कहा है कि दो दिन बाद सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शन नया रूप लेगा. दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फज़ल (जेयूआई-एफ) के नेता एक बड़े प्रदर्शन का नेतृत्व कर […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में मौलाना फजलुर्रहमान के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं ने गुरुवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए 48 घंटे की समय सीमा दी और कहा है कि दो दिन बाद सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शन नया रूप लेगा. दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फज़ल (जेयूआई-एफ) के नेता एक बड़े प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं जो गुरुवार को सातवें दिन भी जारी रहा.

‘आजादी मार्च’ कहे जा रहे इस प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने खान पर 2018 के आम चुनावों में ‘‘धांधली” करने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफा मांगा है. हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए रहमान ने कहा कि सरकार के वार्ताकार प्रधानमंत्री का इस्तीफा लिए बिना बातचीत के लिए आगे नहीं आएं.

जिओ टीवी ने उनके हवाले से कहा कि हमारे पास आने की कोई जरूरत नहीं है. जब आप आएं, तो आपको सत्ता के गलियारों को पीछे छोड़ने के इरादे से आना चाहिए. उन्होंने खान को मुखातिब करते हुए कहा कि अब आप ऐसी जगह पहुंच गये हैं जहां से आगे जाने का कोई रास्ता नहीं है और अब आपको फैसला करना है कि आप वहीं बने रहना चाहते हैं या वहां हटेंगे और लोगों को उनके अधिकार वापस देंगे.

इस बीच, विपक्ष की रहबर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि वह सरकार पर दबाव बढ़ाएगी. जेयूआई-एफ के वरिष्ठ नेता अकरम खान दुर्रानी ने कहा कि आजादी मार्च दो दिन बाद नई दिशा लेगा. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता दृढ़ हैं. वे तीन महीने तक यहां रूक सकते हैं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता फरतुल्लाह बाबर ने कहा कि विपक्ष सरकार को दबाव में रख रही है.

उन्होंने इसे पहला चरण बताया. इससे पहले दिन में समाचार पत्र ‘द डॉन’ की खबर के अनुसार सरकार की वार्ताकारों की टीम के सदस्य पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही ने प्रदर्शन खत्म कराने के लिये गुरुवार को इस्लामाबाद में रहमान से उनके घर पर मुलाकात की. इलाही ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि हम सरकार और विपक्ष के बीच वार्ता को लेकर जल्द ही देश को ‘अच्छी खबर’ सुनाएंगे. समाचार पत्र ने इलाही के हवाले से कहा, ‘‘हमें उम्मीद है (और) चीजें बेहतरी की ओर जाती दिखाई दे रही हैं.”

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत विपक्षी दलों ने भी इस सरकार विरोधी प्रदर्शन को समर्थन दिया है. रहमान ने बुधवार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो निश्चित रूप से अराजकता फैलेगी.

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