इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को करतापुर कॉरिडोर प्रेम का एक गलियारा है. उन्होंने कहा कि शनिवार को होने वाला कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा. इन आरोपों पर कि करतारपुर गलियारे का इस्तेमाल पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है, कुरैशी ने कहा कि इसमें कोई नापाक षड्यंत्र नहीं है. उन्होंने कहा कि हम केवल डायलॉग के लिए भारत से बातचीत नहीं चाहते.
करतारपुर में प्रवेश करने को लेकर कुरैशी ने कहा कि भारत के साथ हुए समझौते के प्रावधान के अनुरूप पासपोर्ट जरूरी होगा. उन्होंने यह जरूर भरोसा दिया कि नौ और 12 नवंबर को करतारपुर साहिब की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं से कोई सर्विस फीस नहीं वसूली जायेगी. गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि करतापुर गलियारे के रास्ते करतारपुर साहिब आने वाले भारतीय सिख श्रद्धालुओं को अपने साथ पासपोर्ट लाना होगा. गुरुवार को मीडिया में आई एक खबर में यह कहा गया है. इससे कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने घोषणा की थी कि भारतीय श्रद्धालुओं को पवित्र गुरुद्वारा दरबार साहिब आने के लिए महज एक वैध पहचान-पत्र की जरूरत होगी.
बहुप्रतीक्षित करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जायेगा. भारत की तरफ से करतारपुर स्थित दरबार साहेब गुरुद्वारा का दर्शन करने के लिए 575 श्रद्धालुओं का पहला जत्था जायेगा. इसकी अगुवाई पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह करेंगे.
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर और हरदीप सिंह पूरी भी शामिल होंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू तथा गुरुदासपुर से भाजपा सांसद और अभिनेता सन्नी देओल भी इसका हिस्सा होंगे. हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को उद्घाटन समारोह में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया.