झारखंड चुनाव : महिला प्रत्याशियों को वोटिंग करने में बेहद तंगदिल हैं बोकारो के मतदाता

2000 से 2014 के बीच संपन्न चार चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों को मिले 0.5% से भी कम वोट राजनीतिक दलों के साथ-साथ मतदाताओं ने भी की अनदेखी सूबे में सबसे अधिक बोकारो विधानसभा में हैं महिला मतदाता सीपी सिंह बोकारो : मतदाताओं की दृष्टि से बोकारो प्रदेश का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है. यहां कुल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2019 8:33 AM

2000 से 2014 के बीच संपन्न चार चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों को मिले 0.5% से भी कम वोट

राजनीतिक दलों के साथ-साथ मतदाताओं ने भी की अनदेखी
सूबे में सबसे अधिक बोकारो विधानसभा में हैं महिला मतदाता

सीपी सिंह
बोकारो : मतदाताओं की दृष्टि से बोकारो प्रदेश का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है. यहां कुल 515971 मतदाता हैं, जो अपने नीति-नियंताओं के भाग्य का फैसला करते हैं. इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 235131 है. आज जब हम आधी आबादी के सशक्तीकरण की बात कर रहे हैं, राजनीतिक दल महिलाओं को टिकट देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं. कुछ मिलता-जुलता हाल यहां के वोटर्स का भी है. ये महिलाओं को वोट देने के मामले में बहुत तंगदिल हैं. कम-से-कम पिछले चार चुनावों के आंकड़ों पर गौर करें, तो तस्वीर यही सच्चाई बयां करती है. इन चुनावों में जहां किसी भी दल ने एक भी महिला प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा, वहीं निर्दलीय लड़ने वाली महिलाओं को इन चुनावों में 0.5 प्रतिशत से भी कम मत मिले. बोकारो स्टील सिटी कॉलेज में राजनीतिशास्त्र के प्रोफेसर डॉ हसीन अख्तर कहते हैं, ‘राजनीति में प्रखरता से पहले महिलाओं को सामाजिक रूप से स्वयं को साबित करने की जरूरत होती है. सभी दलों का लक्ष्य चुनाव में जीत हासिल करना रहता है. जब तक महिला स्वयं को सामाजिक स्तर पर प्रखर साबित नहीं करती, राजनीतिक दल उन पर भरोसा नहीं जतायेेंगे. निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए भी महिलाओं को हर वर्ग में पकड़ बनाना जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर बहुत कम लोगों का सहयोग मिलता है.’
2014 में दो महिलाओं ने लड़ा था चुनाव
2000 से 2014 के बीच हुए चार चुनावों में कुल 886398 वोटरों ने अपने मत का प्रयोग किया. इनमें से महज 4186 मतदाताओं ने महिला प्रत्याशी के लिए मतदान किया. यह कुल मतदान का 0.47 प्रतिशत ही है. बताते चलें कि 2000 के चुनाव में एकमात्र महिला प्रत्याशी गायत्री देवी, 2005 में गायत्री देवी व पूनम श्रीवास्तव, 2009 में दुर्गावती तापड़िया व गायत्री देवी ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. साल 2014 में ललिता देवी व सीता देवी ने चुनाव लड़ा. 2014 में ललिता देवी को 744 व सीता देवी को 371 मत प्राप्त हुए, जबकि कुल 263513 लोगों ने मत का प्रयोग किया था. 2009 में 199452 लोगों ने वोट दिया था. इनमें से महिला प्रत्याशी गायत्री देवी को 673 व दुर्गा देवी तापड़िया को 285 वोट मिले. 2005 में हुई 222623 वोटिंग में महिला प्रत्याशी गायत्री देवी को 890 मत व पूनम श्रीवास्तव को 701 वोट मिले. 2000 में 200810 वोटिंग हुई, लेकिन एकमात्र महिला उम्मीदवार गायत्री देवी को 522 वोट मिले.

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