दुनिया के 5G नेटवर्क पर चीन का होगा कब्ज़ा?
<figure> <img alt="चीन में 5जी नेटवर्क" src="https://c.files.bbci.co.uk/171C5/production/_109916649_gettyimages-1189129543.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>चान यू बिना गैजेट्स के नहीं रह पाते हैं.</p><p>बीजिंग वाले उनके घर के एक कोने में 20 से ज़्यादा स्मार्टफ़ोन, पुराने टैलबेट और दूसरे डिवाइस पड़े हुए हैं. </p><p>उनका अपार्टमेंट गूगल होम स्मार्ट असिस्टेंट और अमेज़न इको से लैस है.</p><p>34 साल के इस […]
<figure> <img alt="चीन में 5जी नेटवर्क" src="https://c.files.bbci.co.uk/171C5/production/_109916649_gettyimages-1189129543.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>चान यू बिना गैजेट्स के नहीं रह पाते हैं.</p><p>बीजिंग वाले उनके घर के एक कोने में 20 से ज़्यादा स्मार्टफ़ोन, पुराने टैलबेट और दूसरे डिवाइस पड़े हुए हैं. </p><p>उनका अपार्टमेंट गूगल होम स्मार्ट असिस्टेंट और अमेज़न इको से लैस है.</p><p>34 साल के इस टेक उद्यमी का कहना है कि वो "हर दिन अपने साथ तीन फोन लेकर चलते हैं. एक फोन का इस्तेमाल मैं चाइनीज ऐप्स के लिए करता हूं. जीमेल और दूसरे वेस्टर्न ऐप्स के लिए मैं आईफोन का इस्तेमाल करता हूं और काम के लिए गूगल पिक्सल फोन रखता हूं."</p><p>हालांकि तकनीक के प्रति उनके जुनून ने उन्हें फायदा भी पहुंचाया है. साल 2009 में उन्होंने अपना पहला एंड्रॉयड फोन खरीदा था. दुनिया की 80 फ़ीसदी से ज़्यादा मोबाइल एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर पर चलते हैं.</p><figure> <img alt="चान यू" src="https://c.files.bbci.co.uk/12533/production/_109895057_mediaitem109895056.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>इसके एक साल बाद, फिजिक्स से ग्रेजुएट इस शख़्स ने एक कंपनी की स्थापना की, जो चीन के एंड्रॉयड यूजर्स के लिए कंटेंट बनाती थी.</p><p>2016 तक उन्होंने अपनी इस कंपनी को चीन के दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा को बेच दिया. यह खरीद-फरोख़्त कितने में हुई, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई. </p><figure> <img alt="चीन का दूरसंचार क्षेत्र" src="https://c.files.bbci.co.uk/14C43/production/_109895058_a3dcbe31-bfad-48bd-abf8-ce3f8c6ecafb.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>5G की दुनिया</h1><p>चान यू अब दूरसंचार की महत्वकांक्षी परियोजना 5G पर काम कर रहे हैं.</p><p>यह तकनीक हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस का वादा करती है और इसकी मदद से यूजर किसी फ़िल्म को महज कुछ सेकेंड में डाउनलोड कर लेते हैं. दुनिया के कई हिस्सों में इसकी शुरुआत हो चुकी है.</p><p>बीते अक्तूबर को उन्होंने शाओमी का 5G फोन मंगवाया था.</p><p>वो कहते हैं, "4G ने लोगों के अनुभवों को बहुत बदल दिया, ख़ासकर मोबाइल वीडियो और गेमिंग के अनुभव को. मुझे पता है कि 5G और बदलाव लाएगा."</p><p>अमरीका और ब्रिटेन में 5G नेटवर्क की शुरुआत पर ख्वावे पर लगे प्रतिबंधों का भी असर पड़ा है.</p><p>सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अमरीकी ने चीनी कंपनी ख्वावे के उपकरणों का 5G नेटवर्क में इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है और अपने सहयोगियों को भी ऐसा करने की सलाह दी है.</p><p>अमरीकी कंपनियां ख्वावे को क्या बेच सकती हैं, इस पर भी नियंत्रण रखा जा रहा है. यही कारण है कि दुनियाभर में ख्वावे के फोन की बिक्री में गिरावट आई है.</p><figure> <img alt="ख्वावे" src="https://c.files.bbci.co.uk/17353/production/_109895059_2cab0d48-d2c7-43df-b737-6b3447116ff6.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>विशाल नेटवर्क</h1><p>वित्तीय सेवा समूह जेफरीज के विश्लेषक और इंडस्ट्री के जानकार एडिसन ली इसे दुनिया के 5G बाजार पर अमरीका के प्रभुत्व जमाने की कोशिश के रूप में देखते हैं.</p><p>वो मानते हैं कि ख्वावे पर अमरीका ने दबाव इसलिए बनाया है ताकि चीन को इस क्षेत्र में बादशाह बनने से रोका जा सके.</p><p>वो कहते हैं, "इस टेक वॉर के पीछे अमरीका का तर्क है कि चीन बौद्धिक संपदा की चोरी कर तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और सरकार इस पर बेतहाशा ख़र्च कर रही है. उसका मानना है कि चीनी दूरसंचार उपकरण सुरक्षित नहीं हैं और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा है."</p><p>वो आगे जोड़ते हैं, "जैसे-जैसे दूरसंचार उपकरण के वैश्विक बाजार में ख्वावे और ZTE का दखल बढ़ता जाएगा, पश्चिम के देश जासूसी का मुद्दा जोर-शोर से उठाएंगे."</p><p>ख्वावे ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया है कि उसकी तकनीक का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जा सकता है.</p><p>एक ओर जहां पश्चिम के देश ख्वावे को लेकर चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर चीन इस क्षेत्र में काफी आगे बढ़ गया है.</p><p>31 अक्तूबर को चीन की दूरसंचार कंपनियों ने 50 से ज़्यादा शहरों में 5G सेवा की शुरुआत की, जिसके बाद यहां दुनिया का सबसे बड़ा 5G नेटवर्क अस्तित्व में आया. इसका क़रीब 50 फ़ीसदी हिस्सा ख्वावे ने तैयार किया है.</p><p>चीन के सूचना मंत्रालय का दावा है कि महज 20 दिनों में इस सेवा से 8 लाख से ज़्यादा लोग जुड़े हैं. विश्लेषकों का अनुमान है कि चीन में 2020 तक 11 करोड़ 5G यूजर होंगे.</p><p>चीन अब इस नई तकनीक के नई तरह के इस्तेमाल पर काम कर रहा है.</p><figure> <img alt="चीन का दूरसंचार क्षेत्र" src="https://c.files.bbci.co.uk/17AB/production/_109895060_f0c96fa4-4034-43c8-9e1a-2bbef4a9d11a.jpg" height="351" width="624" /> <footer>HK APPLIED SCIENCE INSTITUTE</footer> </figure><p>उत्तरी हॉन्गकॉग के एक बड़े भूभाग पर शोधकर्ता वैसी गाड़ियां विकसित कर रहे हैं, जो 5G की मदद से खुद चलेंगी.</p><p>हॉन्गकॉन्ग एप्लाइड साइंस एंड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूशन के शोधकर्ता चीन की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी चाइना मोबाइल के साथ मिल कर यह काम कर रहे हैं.</p><p>वे मानते हैं कि सेल्फ ड्राइविंग कार यानी खुद से चलने वाली कारों के लिए 5G उपयोगी साबित हो सकती है. इसके ज़रिए सड़कों पर गाड़ियां एक-दूसरे से बेहतर संपर्क स्थापित कर पाएंगी, साथ में इसका भी सटीक पता चल पाएगा कि आसपास क्या चल रहा है.</p><p>5G की शुरुआत करने वाला चीन दुनिया का पहला देश नहीं है. कई अन्य देश इसकी शुरुआत पहले कर चुके हैं, लेकिन इसने जिस तेज़ी से वैश्विक बाजार में अपना प्रभुत्व जमाया है, पश्चिम के देश इसे लेकर खासा चिंता में हैं.</p><p>ख्वावे और ZTE जैसी कंपनियां इसका भरपूर फायदा उठा रही हैं और विदेशी बाज़ारों में अमरीका को टक्कर दे रही हैं.</p><p>नवंबर में बीजिंग में हुए 5G सम्मेलन में चीन के उद्योग और सूचना मंत्री ने आरोप लगाया था कि अमरीका साइबर सिक्योरिटी का इस्तेमाल अपनी कंपनियों को संरक्षण देने के लिए कर रही है.</p><p>मियाओ वी ने कहा था, "किसी भी देश को इसके 5G नेटवर्क के विस्तार में किसी कंपनी को सिर्फ़ आरोपों के आधार पर रोका नहीं जाना चाहिए, जो कभी सिद्ध नहीं किए गए हों."</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>