भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी गहरा करने का अवसर है 2+2 वार्ता
वाशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्रालय की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच होने वाली ‘2+2′ वार्ता दुनिया के उन दो सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच साझेदारी को और गहरा करने का अवसर देगी जिनके बीच पहले से ही काफी समानता है और दोनों देश के लोगों के परस्पर संबंध […]
वाशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्रालय की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच होने वाली ‘2+2′ वार्ता दुनिया के उन दो सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच साझेदारी को और गहरा करने का अवसर देगी जिनके बीच पहले से ही काफी समानता है और दोनों देश के लोगों के परस्पर संबंध भी मजबूत हैं.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिका के अपने समकक्षों विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर के साथ 18 दिसंबर को दूसरे दौर की ‘2+2′ वार्ता के लिए अगले सप्ताह यहां आएंगे. पहली ‘2+2′ भारत-अमेरिका वार्ता पिछले साल सितंबर में नयी दिल्ली में हुई थी.
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ऑर्टागस ने एक ट्वीट में कहा कि भारत-अमेरिका 2+2 मंत्री स्तर की वार्ता हमारे बीच बढ़ रही रणनीतिक साझेदारी का संकेत है और महत्वपूर्ण कूटनीतिक और रक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करती है. इस साल की वार्ता पिछले साल की सफल वार्ता को आगे बढ़ाने तथा साझेदारी को और मजबूत करने का अवसर देगी.
ऑर्टागस ने कहा कि भारत और अमेरिका में काफी समानता है, दोनों ही लोकतंत्र हैं जिनके लोगों के बीच आपसी संबंध मजबूत होते जा रहे हैं. हम लोग समुद्र में, हवा में और यहां तक अंतरिक्ष में भी साझेदार हैं. वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस वार्ता से दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग और बढ़ेगा तथा इसमें दोनों देशों के समक्ष पेश क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग करने के बारे में भी चर्चा होगी.
उन्होंने कहा कि दोनों देश के बीच सभी सफलताओं का मुख्य आधार लोगों के बीच का मजबूत संबंध है. अधिकारी ने कहा कि संबंध कितने गहरे हैं यह सितंबर में ह्यूस्टन में आयोजित हाउडी मोदी रैली में नजर आया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंच साझा किया था.