नागरिकता क़ानून: असम में धीमा नहीं पड़ा है विरोध प्रदर्शन

<figure> <img alt="असम" src="https://c.files.bbci.co.uk/16B23/production/_110236929_crowd.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>गोलियों से पांच मौतें, दर्जनों घायल, लेकिन असम में विरोध प्रदर्शन अब तक धीमा नहीं हुआ है. गुरुवार को भी गुवाहाटी शहर में ही विश्वद्यालय परिसर से लेकर कई जगह प्रदर्शन हुए.</p><p>इन प्रदर्शनों में शिक्षकों, महिलाओं से लेकर फ़िल्म अभिनेताओं और संगीतकारों ने भी हिस्सा लिया. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2019 10:52 PM

<figure> <img alt="असम" src="https://c.files.bbci.co.uk/16B23/production/_110236929_crowd.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>गोलियों से पांच मौतें, दर्जनों घायल, लेकिन असम में विरोध प्रदर्शन अब तक धीमा नहीं हुआ है. गुरुवार को भी गुवाहाटी शहर में ही विश्वद्यालय परिसर से लेकर कई जगह प्रदर्शन हुए.</p><p>इन प्रदर्शनों में शिक्षकों, महिलाओं से लेकर फ़िल्म अभिनेताओं और संगीतकारों ने भी हिस्सा लिया. इस बीच पड़ोसी राज्य मेघालय की विधानसभा ने इनर लाइन परिमट की तर्ज़ पर एक बिल को मंज़ूरी दे दी है, जिससे मेघालय भी नागरिकता क़ानून के दायरे से बाहर हो जाएगा और इससे नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शन के ख़त्म होने की बात कही जा रही है.</p><figure> <img alt="समुज्जल भट्टाचार्य" src="https://c.files.bbci.co.uk/11D03/production/_110236927_samujjal.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>गुवाहाटी में प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे संगठन ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के समुज्जल भट्टाचार्य ने बीबीसी से कहा कि जब तक नागरिकता क़ानून रद्द नहीं होगा तब तक आंदोलन नहीं रुकेगा.</p><p>समुज्जल ने ये भी स्पष्ट किया कि असमिया समाज अनुच्छेद छह (असम समझौते, 1985 के) को लागू करने के बदले नागरिकता क़ानून यहां लागू करने का सौदा नहीं करेगा.</p><h1>कोशिश</h1><figure> <img alt="असम" src="https://c.files.bbci.co.uk/10787/production/_110236476_058624430-1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>आसू नेता का कहना था कि अनुच्छेद छह के पहले पांच भी आता है जिसके मुताबिक़ असम से सभी ग़ैर-क़ानूनी लोगों की पहचान कर वापस भेजने की बात कही गई है, पहले नरेंद्र मोदी सरकार को इसे लागू करना चाहिए, लेकिन वो तो यहां और लोगों को लाने की कोशिश में है.</p><p>अनुच्छेद छह की बात पर प्राइमरी शिक्षक संघ के महासचिव रूतुल चंद्र गोस्वामी तो कहने लगे कि ये तो उसी तरह से है कि किसी को गहरी चोट पहुंचा कर उस पर मरहम पट्टी की जाए.</p><p>केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गठित बिप्लब कुमार शर्मा समिति को इस मामले में अपनी रिपोर्ट जनवरी 2020 तक सौंपनी है.</p><figure> <img alt="असम बीजेपी अध्यक्ष रंजीत दास" src="https://c.files.bbci.co.uk/963F/production/_110236483_bjppresidentassam.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>भारतीय जनता पार्टी के एक अधिकारी ने कहा कि अगर समिति की रिपोर्ट पहले आ गई होती और हम इसे लागू करवा पाते तो नागरिकता क़ानून लागू करने में इतनी दिक़्कत शायद न आती.</p><p>1985 में हुए असम समझौते के अनुच्छेद छह में कहा गया कि ‘असमिया समाज को उसकी सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान को बनाए रखने के लिए संवैधानिक, क़ानूनी और प्रशासनिक अधिकार दिए जाएंगे.'</p><p>इस बीच राज्य में पुलिस की पकड़-धकड़ जारी है. बुधवार को पुलिस ने दक्षिण भारत में ख़ासी पैठ रखनेवाले कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष अनीमुल हक़ समेत दो लोगों को पहले तो पूछताछ के लिए बुलाया, फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.</p><h1>गिरफ़्तारी</h1><figure> <img alt="असम" src="https://c.files.bbci.co.uk/A05D/production/_110235014_058639127-1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई को तो पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर ख़बरों के मुताबिक़ दिल्ली ले गई है. हाल में पुलिस के एक आला अधिकारी ने बयान दिया था कि कम से कम 175 लोगों को गिरफतार किया गया है.</p><p>प्रदर्शन के दौरान राज्य सचिवालय जनता भवन पर हमले में असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने पीएफआई और असम यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष क़मरूल इस्लाम चौधरी का हाथ बताया था. हेमंत बिस्व सरमा ने पूरे मामले की सीबीआई जांच करवाने की बात भी कही थी.</p><p>पीएफआई के उपाध्यक्ष अबु समां अहमद ने बीबीसी से कहा, ‘अगर सरकार के पास हमारे ख़िलाफ़ किसी तरह का सबूत है तो वो पेश करे, हम उन्हें खुला चैलेंज करते हैं.'</p><p>उन्होंने कहा कि जनता भवन पर हमले में उनके लोग शामिल नहीं थे. अबु समां ने आरोप लगाया कि उनके संगठन पर लगाया गया आरोप पूरे मूवमेंट को सांप्रदायिक जामा पहनाने की कोशिश है.</p><figure> <img alt="अबु समां अहमद" src="https://c.files.bbci.co.uk/CEE3/production/_110236925_abusamaahmed.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>असम आंदोलन को कमज़ोर करने के लिए कई तरह के हथकंडों की बात दूसरी जगहों पर भी हो रही है. असम फ़िल्म बिरादरी की महासचिव ने कहा कि ‘आंदोलन में जो हंगामा हुआ वो किसी तीसरे लोगों की वजह से हुआ लेकिन ये जांच करने की ज़रूरत है कि लोग कौन थे – सरकार के लोग या कोई और?'</p><p>बीजेपी के राज्य अध्यक्ष रंजीत दास ने कहा कि पुलिस के पास इस बात के वीडियो हैं जिसमें हिंसा के लिए तैयार होकर आते लोग साफ़ पहचाने जा सकते हैं. रंजीत दास का कहना था कि तक़रीबन 800 लोगों की पहचान पुलिस कर चुकी है और उनके ख़िलाफ़ जल्द कार्रवाई शुरू होगी.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)</strong></p>

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