मलेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद ने कहा, अगर हम नागरिकता क़ानून यहाँ लागू करें, तो….

<figure> <img alt="महातिर मोहम्मद" src="https://c.files.bbci.co.uk/9B0E/production/_110249693_058695551-1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने भारत को आड़े हाथों लिया है.</p><p>शुक्रवार को कुआलालंपुर समिट में शामिल होने आए महातिर मोहम्मद ने नागरिकता संशोधन क़ानून की ज़रूरत पर सवाल उठाते हुए कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2019 10:46 PM

<figure> <img alt="महातिर मोहम्मद" src="https://c.files.bbci.co.uk/9B0E/production/_110249693_058695551-1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने भारत को आड़े हाथों लिया है.</p><p>शुक्रवार को कुआलालंपुर समिट में शामिल होने आए महातिर मोहम्मद ने नागरिकता संशोधन क़ानून की ज़रूरत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब भारत में सब लोग 70 साल से साथ रहते आए हैं, तो इस क़ानून की आवश्यकता ही क्या थी.</p><p>उन्होंने कहा, &quot;लोग इस क़ानून के कारण अपनी जान गँवा रहे हैं. 70 साल से सब साथ रहते आए हैं और उन्हें साथ रहने में कोई समस्या भी नहीं रही है.&quot;</p><p>भारत ने महातिर मोहम्मद के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि एक बार फिर मलेशिया के पीएम ने भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की है. </p><p><a href="https://twitter.com/ANI/status/1208020312681402368">https://twitter.com/ANI/status/1208020312681402368</a></p><p>महातिर मोहम्मद ने कहा, &quot;मैं ये देखकर दुखी हूँ कि जो भारत अपने को सेक्युलर देश होने का दावा करता है, वो कुछ मुसलमानों की नागरिकता छीनने के लिए क़दम उठा रहा है. अगर हम यहाँ ऐसे करें, तो मुझे पता नहीं है कि क्या होगा. हर तरफ़ अफ़रा-तफ़री और अस्थिरता होगी और हर कोई प्रभावित होगा.&quot;</p><p>महातिर मोहम्मद कश्मीर से धारा 370 ख़त्म किए जाने पर भी भारत पर कड़ी टिप्पणी कर चुके हैं.</p><h1>कश्मीर पर टिप्पणी</h1><figure> <img alt="मलेशिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/17415/production/_109235259_1f88c6cc-6a8a-4fed-aa80-26e758bef01d.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><p>24 सितंबर को महातिर मोहम्मद ने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में कहा था कि भारत ने कश्मीर पर क़ब्ज़ा कर रखा है. मलेशिया के इस रुख़ को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी.</p><p>प्रधानमंत्री महातिर ने कहा था, &quot;हम अपने दिल की बात करते हैं, हम न तो अपने बयान वापस लेते हैं और ना ही अपना पक्ष बदलते हैं. मलेशिया का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव से कश्मीर के लोग लाभान्वित होते रहे हैं. इसलिए हम न केवल भारत और पाकिस्तान से बल्कि अमरीका समेत सभी देशों से अपील करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का सम्मान किया जाए.&quot;</p><p>कश्मीर पर बयान को लेकर भी भारत और मलेशिया के बीच तनाव बढ़ गया था. </p><p>पिछले कुछ दिनों से मलेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की दोस्ती की ख़ूब चर्चा है.</p><p>महातिर राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं. वो 1981 से 2003 तक इससे पहले सत्ता में रह चुके थे. वहीं इमरान ख़ान इससे पहले केवल क्रिकेट के खिलाड़ी थे.</p><p>भारत और पाकिस्तान में जब भी तनाव की स्थिति बनी तो इमरान ख़ान ने महातिर मोहम्मद को फ़ोन किया. कहा जाता है कि इमरान ख़ान के शुरुआती विदेशी दौरे में मलेशिया एकमात्र देश था जिससे इमरान ख़ान ने क़र्ज़ नहीं मांगा.</p><p>महातिर मोहम्मद के शासन काल में पाकिस्तान मलेशिया के सबसे क़रीब आया. पाकिस्तान और मलेशिया के बीच 2007 में इकनॉमिक पार्टनर्शिप एग्रीमेंट हुआ था.</p><h1>भारत से तल्ख़ी</h1><figure> <img alt="मलेशिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/38E3/production/_109236541_gettyimages-1166050324.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पाँच अगस्त को जब भारत ने जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को ख़त्म करने की घोषणा की तो महातिर उन राष्ट्र प्रमुखों में शामिल थे जिन्हें इमरान ख़ान ने फ़ोन कर समर्थन मांगा और समर्थन मिला भी.</p><p>जब कश्मीर का मामला संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में गया तब भी मलेशिया पाकिस्तान के साथ था. यहां तक पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में भी मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कश्मीर का मुद्दा उठाया और भारत को घेरा. भारत के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था.</p><p>भारत ने कश्मीर पर मलेशिया के रुख़ से काफ़ी नाराज़गी जताई थी और कहा जा रहा था कि दोनों देशों के ट्रेड रिलेशन भी प्रभावित हो सकते हैं.</p><p>भारत में खाने में इस्तेमाल किए जाने वाले तेलों में पाम तेल का हिस्सा दो तिहाई है. भारत हर साल 90 लाख टन पाम तेल आयात करता है और मुख्य रूप से मलेशिया और इंडोनेशिया से होता है.</p><p>अब कश्मीर के बाद नागरिकता संशोधन क़ानून पर महातिर मोहम्मद का बयान का दोनों देशों के व्यापार संबंधों पर कितना असर डालेगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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