भारत-पाकिस्तान में संविधान पर ख़तरा क्यों?: वुसअत का ब्लॉग

<figure> <img alt="कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/1AD3/production/_110276860_gettyimages-1190090508.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>माओत्से तुंग का एक प्रसिद्ध उदाहरण है कि आसमान तले ज़बरदस्त उथल-पुथल है और परिस्थिति शानदार है. भारत को देखें या पाकिस्तान को – ‘चैन एक पल नहीं और कोई हल नहीं’.</p><p>भारत में ग़ुस्से से भरे लड़के-लड़कियां फ़ैज़ और हबीब जालिब के गीत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2019 10:44 PM

<figure> <img alt="कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/1AD3/production/_110276860_gettyimages-1190090508.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>माओत्से तुंग का एक प्रसिद्ध उदाहरण है कि आसमान तले ज़बरदस्त उथल-पुथल है और परिस्थिति शानदार है. भारत को देखें या पाकिस्तान को – ‘चैन एक पल नहीं और कोई हल नहीं’.</p><p>भारत में ग़ुस्से से भरे लड़के-लड़कियां फ़ैज़ और हबीब जालिब के गीत गा रहे हैं और पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर फ़हमीदा रियाज़ की यह नज़्म वायरल हुई पड़ी है…</p><p><em>&quot;कुछ लोग तुम्हें समझाएंगे, </em><em>वो तुमको </em><em>ख़ौफ़ दिलाएंगे</em></p><p><em>जो है वो भी खो सकता है, कुछ और तो अक्सर होता है</em></p><p><em>पर तुम जिस लम्हे में ज़िंदा हो, ये लम्हा तुमसे ज़िंदा है</em></p><p><em>ये वक़्त नहीं फिर आएगा, तुम अपनी करनी करगुज़रो</em><em> … </em><em>जो होगा देखा जाएगा&quot;</em></p><p>मुझे नहीं मालूम कि अमित शाह ने फ़हमीदा रियाज़ की यह नज़्म कभी सुनी होगी मगर वो यह सोच कर करनी कर गुज़रे कि जो होगा देखा जाएगा.</p><p>इसके जवाब में गुवाहाटी से जामिया मिल्लिया तक और चेन्नई से दिल्ली तक युवा और सिविल सोसायटी भी यह सोचकर अपनी करनी कर रहे हैं कि जो होगा देखा जाएगा.</p><figure> <img alt="विरोध प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/68F3/production/_110276862_e42aac7a-1957-46c5-943c-b2f617a38e46.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>भारत हो या पाकिस्तान सारी लड़ाई का मरकज़ इस वक़्त संविधान है.</p><p>हमारे यहां भी इस वक़्त अब्र आलूद ठंडे आसमान (बादलों से घिरा आसमान) तले परिस्थिति सामान्य है. एक विशेष अदालत ने भूतपूर्व फ़ौजी सदर परवेज़ मुशर्रफ को संविधान से मज़ाक फ़रमाने के ज़ुर्म में मृत्युदंड क्या सुना दिया, गोया आसमान टूट पड़ा.</p><p>आधे लोग कह रहे हैं कि यह ऐतिहासिक फ़ैसला है और बाकी आधे कह रहे हैं कि यह न्याय के नाम पर अन्याय है.</p><p>अदालत तो अपनी करनी कर गुज़री, जो होगा देखा जाएगा. जबकि सरकार और फ़ौज सोच रहे हैं कि अब क्या करना है.</p><p>भारत को भी फ़ैसले की घड़ी का सामना करना है और पाकिस्तान भी अपने भविष्य के चौराहे पर खड़ा है.</p><figure> <img alt="पाकिस्तान में प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/B713/production/_110276864_gettyimages-1190053803.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>इस शोर-शराबे में कश्मीर के बारे में पाकिस्तान की पॉलिसी कहीं पिछले कमरे में रख दी गई है. जबकि दिल्ली में भी पाकिस्तान को लेकर बारी का बुख़ार मापने का थर्मामीटर किसी रेफ्रिजेटर में आरज़ी तौर पर लगा दिया गया है.</p><p>दोनों देशों में मीडिया की एक आंख ख़बर पर है और दूसरी आंख अपने पायजामे पर. धंधा भी चलता रहे पर नाक भी ना कटे.</p><p>शिकारी भी ख़ुश रहे और शिकार भी पलट कर वार ना करे.</p><p>तटस्थता या गुटनिरपेक्षता का चलन सिकुड़ता जा रहा है.</p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/10597/production/_110276966_gettyimages-1190051387.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जो सवाल भारत में अमिताभ बच्चन, शाहरुख ख़ान, सलमान ख़ान, आमिर ख़ान और अक्षय कुमार से हो रहा है वही सवाल पाकिस्तान में बिलावल भुट्टो, शहबाज़ शरीफ़, मरियम नवाज़ और मौलाना फ़ज़ुलुर्रहमान से हो रहा है.</p><p><em>’बताओ कि तुम किस तरफ हो, बोलो कि पहचाने जाओ.'</em></p><p>कुछ लोग कहते हैं कि सीमा के आर-पार जो कुछ भी हो रहा है वो बासी कढ़ी में उबाल या चाय के कुल्हड़ में तूफ़ान है.</p><p>मगर बहुत लोगों का यह भी समझना है कि ये इतिहास पढ़ने का नहीं बल्कि इतिहास का हिस्सा बनने का समय है.</p><p>अरब बसंत ऋतु तो गुज़र गई इस समय दक्षिण एशिया में बसंत ऋतु है. </p><p>यह बात तय है कि नया साल सादा नहीं गुज़रेगा. </p><figure> <img alt="विरोध प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/153B7/production/_110276968_gettyimages-1190104068.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>नागरिकता का नया क़ानून हो या परवेज़ मुशर्रफ की सज़ा – ये तो बस तब्दीली के बहाने हैं. </p><p>या तो बंदर की बला तबेले के सिर जाएगी या फिर तबेला बंदर के सिर पर टूटेगा. </p><p><strong>ये भी पढ़ेंः</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50624861?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">भारत, पाकिस्तान ने गणतंत्र को भी अपने जैसा बना लिया है: वुसअत का ब्लॉग</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50371585?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">विवादित ज़मीन मुस्लिम पक्ष को मिलती तो…</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50454697?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मुसलमान प्रोफ़ेसर संस्कृत पढ़ाए, तो यूनिवर्सिटी को ख़तरा? </a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.</strong><strong>)</strong></p>

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