इस्त्राइल: मुकदमों का सामना कर रहे बेंजामिन नेतन्याहू ने जीता सत्ताधारी पार्टी के चेयरमैनशिप का चुनाव

जेरूसलम: बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को सत्ताधारी पार्टी लिक्यूड की चेयरमैनशिप के लिए हुए चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंदी जिडोन सार को हराकर अपना पद सुरक्षित रखा. 53 वर्षीय सार लिक्यूड पार्टी के लॉ मेकर रहे हैं और इस्त्राइल सरकार में पूर्व शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं. वहां की मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक नेतन्याहू के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2019 9:24 AM

जेरूसलम: बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को सत्ताधारी पार्टी लिक्यूड की चेयरमैनशिप के लिए हुए चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंदी जिडोन सार को हराकर अपना पद सुरक्षित रखा. 53 वर्षीय सार लिक्यूड पार्टी के लॉ मेकर रहे हैं और इस्त्राइल सरकार में पूर्व शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं. वहां की मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक नेतन्याहू के करियर में ये पहला मौका था जब उन्हें इतनी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा. हालांकि बेंजामिन नेतन्याहू कुल पार्टी वोट का 72.5 फीसदी मत हासिल करने में सफल रहे.

आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे बेंजामिन

बता दें कि जिडोन सार ने इस महीने की शुरुआत में ही घोषणा की थी कि वो पार्टी चेयरमैनशिप के लिए होने वाले चुनाव में बेंजामिन नेतन्याहू का सामना करेंगे. आपको बता दें कि सबसे लंबे समय तक इस्त्राइल का प्रधानमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बनाने वाले नेतन्याहू इस समय भ्रष्टाचार से संबंधित तीन मामलों में आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे हैं. बेंजामिन नेतन्याहू पर घूसखोरी, धोखाधड़ी और अविश्वास का मुकदमा दर्ज किया गया है. हालांकि बेंजामिन नेतन्याहू ने इस सभी आरोपों से इंकार किया है. उनका कहना है कि अपने पूरे कार्यकाल में उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया. उनके खिलाफ राजनैतिक दुष्प्रचार किया जा रहा है.

शुक्रवार को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि आगामी आम चुनावों में वो लिक्यूड पार्टी का समर्थन करते हुए भारी बहुमत हासिल करेंगे और उनके नेतृत्व में इस्त्राइल अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल करेगा.

गतिरोध से बिगड़े हैं इस्त्राइल के राजनीतिक हालात

बेंजामिन नेतन्याहू इस समय राजनैतिक संकट का सामना कर रहे है क्योंकि पिछली दो आम चुनावों के बाद वो गठबंधन की सरकार बना पाने में असफल रहे. हालांकि, यदि वो प्राथमिक नेतृत्व चुनाव जीत जाते हैं तो आगामी 2 मार्च तक इस पद पर बने रह सकते हैं. जब तक कि इस्त्राइल में आम चुनाव नहीं हो जाते. ये अभूतपूर्व है कि बीते एक साल के अंदर ये तीसरी बार होगा जब इस्त्राइली नागरिक आम चुनावों में वोट डालेंगे. ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि देश में बीते कई महीनों से जारी गतिरोध ने वहां के राजनैतिक हालात को पंगु बना दिया है.

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