न्यूयॉर्क : वर्ष 2020 के पहले बच्चे का जन्म फिजी में हुआ. इसका नाम मितीली डिजिताकी है. लाइसानी राईसिली ने फिजी के सुवा स्थित एक अस्पताल में मंगलवार की रात 12:10 बजे इस बच्चे को जन्म दिया. मितीली डिजिताकी का वजन 2.9 किलोग्राम है. इसी दिन भारत में सबसे ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ.
बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ के मुताबिक, वर्ष 2020 की पहली तारीख को पूरी दुनिया में करीब 4,00,000 बच्चों का जन्म हुआ. इसमें भारत में सबसे ज्यादा 67,385 बच्चों का जन्म हुआ. चीन दूसरे स्थान पर रहा. यहां 46,299 बच्चे पैदा हुए.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की नयी कार्यकारी निदेशक हेनरिटा एच फोर ने कहा, ‘नये वर्ष और नये दशक की शुरुआत उन उम्मीदों और आकांक्षाओं को व्यक्त करने का अवसर है, जो न केवल हमारे भविष्य के लिए, बल्कि भावी पीढ़ियों के भविष्य के लिए भी है.’ उन्होंने कहा, ‘हर साल जनवरी में, हमें प्रत्येक बच्चे के जीवन के सफर की सभी संभावनाओं की याद दिलायी जाती है…’
यूनिसेफ के आंकड़ों के मुताबिक, नाइजीरिया में 46,299, पाकिस्तान में 16,787, इंडोनेशिया में 13,020, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में 10,452, कांगो में 10,247, इथियोपिया में 8,493, और बांग्लादेश में 8,370 बच्चों का जन्म हुआ.
यूनिसेफ ने एक प्रेस रिलीज में बताया है कि वर्ष 2016 में साल के हर दिन पहले 24 घंटों के भीतर अनुमानित 2,600 बच्चों की मौत हुई. लगभग 20 लाख नवजात शिशुओं के लिए उनका पहला सप्ताह ही उनका आखिरी था. इन शिशुओं की मौत के पीछे सेप्सिस और न्यूमोनिया जैसी बीमारियों को वजह बताया गया है.
यूनिसेफ का दावा है कि इन मौतों की रोकथाम के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं. यह भी बताया गया है कि पिछले तीन साल में शिशु मृत्यु दर में काफी गिरावट दर्ज की गयी है.
यूनिसेफ ने कहा है कि भारत में 69 हजार बच्चे हर दिन पैदा होते हैं. जन्म का पहला दिन मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा होता है, क्योंकि इसी दिन आधी मृत्यु दर दर्ज की जाती है जबकि 40 फीसदी बच्चों की मौत जन्म के दिन ही हो जाती है.
भारत में हर साल लगभग 50 लाख बच्चों का जन्म घर में ही होता है. बच्चों की मौत रोकने के लिए जरूरी है माताओं को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं. यूनिसेफ ने उस बच्चे की भी जानकारी दी है, जो नये साल पर दुनिया में सबसे पहले पैदा हुआ. यह बच्चा फिजी का है, जिसका जन्म 12.10 बजे हुआ.
हेनरिटा ने कहा कि यूनिसेफ हर साल जनवरी में विश्व भर में नववर्ष पर पैदा हुए बच्चों के जन्म का जश्न मनाता है. अनुमान है कि साल 2027 तक भारत आबादी के मामले में चीन को पीछे कर देगा. संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, 2019 से 2050 के बीच भारत की आबादी 27.3 करोड़ बढ़ने का अनुमान है.
इसी अवधि में नाइजीरिया की आबादी में 20 करोड़ की वृद्धि होने का अनुमान है. ऐसा होने पर इन दोनों देशों की कुल आबादी 2050 में वैश्विक आबादी में वृद्धि का 23 फीसदी होगी. वर्ष 2019 में चीन की आबादी 1.43 अरब और भारत की आबादी 1.37 अरब रही. सर्वाधिक आबादी वाले इन दोनों देशों ने 2019 में वैश्विक जनसंख्या में क्रमश: 19 और 18 फीसदी की हिस्सेदारी रखी.