साइरस मिस्त्री की बहाली के फ़ैसले पर टाटा ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा

<figure> <img alt="रतन टाटा" src="https://c.files.bbci.co.uk/7A55/production/_110371313_gettyimages-631593064.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>टाटा सन्स ने साइरस मिस्त्री को कंपनी का एग्ज़ेक्यूटिव चेयरमैन बहाल करने के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.</p><p>बुधवार 18 दिसंबर को नेशनल कंपनी लॉ अपेलैट ट्राइब्यूनल (एनसीएलएटी) ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन बहाल करते हुए एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को ग़ैर क़ानूनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2020 10:38 PM

<figure> <img alt="रतन टाटा" src="https://c.files.bbci.co.uk/7A55/production/_110371313_gettyimages-631593064.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>टाटा सन्स ने साइरस मिस्त्री को कंपनी का एग्ज़ेक्यूटिव चेयरमैन बहाल करने के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.</p><p>बुधवार 18 दिसंबर को नेशनल कंपनी लॉ अपेलैट ट्राइब्यूनल (एनसीएलएटी) ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन बहाल करते हुए एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को ग़ैर क़ानूनी ठहराया था.</p><p>टाटा सन्स ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट छह जनवरी को खुलेगा.</p><p>अक्तूबर 2016 में साइरस मिस्त्री को एकाएक हटा दिया गया था. एनसीएलएटी बेंच की अगुआई कर रहे जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय ने साइरस मिस्त्री के हटाए जाने को दमनकारी कहा था.</p><p>ट्राइब्यूनल ने टाटा सन्स को सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था.</p><h1>टाटा ने अपील में क्या कहा है</h1><figure> <img alt="साइरस मिस्त्री" src="https://c.files.bbci.co.uk/C875/production/_110371315_gettyimages-621214370.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>सुप्रीम कोर्ट में टाटा सन्स ने कहा है कि एनसीएलटी में की गई अपील में साइरस मिस्त्री की बहाली की मांग नहीं की गई थी. </p><p>चेयरमैन के रूप में साइरस मिस्त्री का कार्यकाल मार्च 2017 में ख़त्म हो गया. इसी कारण अपील में बहाली की मांग नहीं की गई थी. लेकिन फ़ैसले में साइरस मिस्त्री को बहाल कर दिया गया है.</p><p>अपील में ये भी कहा गया है कि चंद्रशेखरन की नियुक्ति नियम के हिसाब से हुई थी, जिसे बोर्ड और शेयरधारकों ने मंज़ूरी दी थी.</p><p>सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपील में ये भी कहा गया है कि एनसीएलएटी ने एक झटके में टाटा सन्स के कॉरपोरेट स्ट्रक्चर और गवर्नेंस को नीचे गिरा दिया है, जिसे इसके संस्थापकों ने बड़ी ज़िम्मेदारी से खड़ा किया था.</p><p>साइरस मिस्त्री की बहाली वाले एनसीएलएटी के आदेश से ग्रुप की कई अहम कंपनियों के कामकाज में भ्रम पैदा हो गया है, इनमें से कई लिस्टेड कंपनियाँ हैं.</p><p>ट्राइब्यूनल ने इसकी वजह नहीं बताई है कि साइरस मिस्त्री को हटाने का फ़ैसला ग़ैर-क़ानूनी कैसे था.</p><p>रतन एन टाटा और टाटा ट्रस्ट के नामित सदस्यों के फ़ैसले लेने पर रोक लगाने का निर्देश अस्पष्ट है और शेयरधारकों और बोर्ड के सदस्यों के अधिकारों का गला घोंटने की कोशिश जैसा है.</p><h1>एनसीएलएटी का फ़ैसला</h1><figure> <img alt="साइरस मिस्त्री" src="https://c.files.bbci.co.uk/F426/production/_110220526_2deec704-deff-44ab-9ca2-b08032cea642.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>साइरस मिस्त्री की बहाली के अलावा ट्राइब्यूनल ने यह भी कहा था कि एन चंद्रशेखरन को टाटा ग्रुप का एग्ज़ेक्यूटिव चेयरमैन बनाया जाना अवैध था. </p><p>NCLAT की दो जजों की बेंच ने कहा था कि मिस्त्री के ख़िलाफ़ रतन टाटा ने मनमाने तरीक़े से कार्रवाई की थी और नए चेयरमैन की नियुक्ति अवैध थी. टाटा ग्रुप 110 अरब डॉलर की कंपनी है. </p><p>रतन टाटा को इस फ़ैसले को चुनौती देने के लिए चार हफ़्ते का वक़्त दिया गया है. ट्राइब्यूनल ने कहा है कि उसका फ़ैसला चार हफ़्ते बाद ही लागू होगा. </p><p>मिस्त्री परिवार की टाटा सन्स में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. मिस्त्री परिवार की टाटा में 18.4 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. </p><p>साइरस मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा के रिटायरमेंट के बाद टाटा ग्रुप की कमान मिली थी. </p><p>मिस्त्री को जब हटाया गया था तो उन्होंने दावा किया था कि कंपनी एक्ट का उल्लंघन कर उनकी बर्खास्तगी हुई है. इसके साथ ही उन्होंने टाटा सन्स के प्रबंधन में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया था. </p><p>इस फ़ैसले के बाद साइरस मिस्त्री ने अपने बयान में कहा था, ”यह निजी तौर पर मेरी जीत है लेकिन यह सुशासन के सिद्धांतों की भी जीत है. यह टाटाग्रुप में छोटे शेयरधारकों की भी जीत है. पिछले 50 सालों से मिस्त्री परिवार ने टाटा सन्स में शेयर होल्डर के रूप में पूरी ज़िम्मेदारी से अपनी भूमिका निभाई है. टाटा सन्स ने बिना कुछ बताए या बिना कोई कारण बताए मुझे चेयरमैन से हटा दिया था. टाटा ग्रुप के चेयरमैन के तौर पर हमने हमेशा सिद्धांतों के साथ काम किया था.” </p><figure> <img alt="टाटा" src="https://c.files.bbci.co.uk/14246/production/_110220528_f05f6c4d-20c3-465d-9dc5-2b068fdc305e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>टाटा संस लिमिटेड ने साइरस के इस्तीफ़े के बाद बयान जारी किया था जिसमें कहा था कि साइरस मिस्त्री जानते थे कि ज़्यादातर शेयर धारक उनके समर्थन में नहीं है इसलिए उन्होंने रणनीति के तहत इस्तीफ़ा दिया है.</p><p>इस बयान में कहा गया था कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि साइरस मिस्त्री जिस समूह के लिए सम्मान की बात करते हुए उसके बारे में चुने हुए विषयों पर बोलते हैं और आधारहीन, अप्रमाणित और द्वेषपूर्ण आरोप लगाते हैं.</p><p>चार साल तक टाटा समूह की कमान संभालने के बाद साइरस मिस्त्री को अक्तूबर में चेयरमैन पद से हटा दिया गया था.</p><p>टाटा समूह से साइरस मिस्त्री की विदाई के बाद से उनके और समूह के प्रमोटर टाटा संस के बीच सार्वजनिक रूप से लड़ाई जारी थी.</p><p>रतन टाटा फ़िलहाल टाटा समूह के अंतरिम चेयरमैन हैं. साइरस मिस्त्री का परिवार टाटा समूह में सबसे बड़ा शेयर धारक भी है.</p><p><strong>कौन हैं सा</strong><strong>इ</strong><strong>रस मिस्त्री?</strong></p><figure> <img alt="साइरस मिस्त्री" src="https://c.files.bbci.co.uk/523B/production/_110215012_gettyimages-486155210.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>आयरलैंड में पैदा हुए 48 साल के साइरस मिस्त्री ने लंदन बिज़नेस स्कूल से पढ़ाई की. वो पलोनजी शापूरजी के सबसे छोटे बेटे हैं. उनका परिवार आयरलैड के सबसे अमीर भारतीय परिवारों में से एक है. साइरस ने शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी में 1991 में काम करना शुरू किया. उन्हें 1994 में शापूरजी पालोनजी समूह का निदेशक नियुक्त किया गया.</p><p>साइरस के नेतृत्व में शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी ने जमकर मुनाफ़ा कमाया और उसका टर्नओवर दो करोड़ पाउंड से क़रीब डेढ़ अरब पाउंड हो गया. कंपनी ने मरीन, तेल-गैस और रेलवे के क्षेत्र में काम फैलाया. इस दौरान इस कंपनी के कंस्ट्रक्शन का काम दस से अधिक देशों में फ़ैला.</p><p>साइरस के नेतृत्व में उनकी कंपनी ने भारत में कई बड़े रिकॉर्ड बनाए, इनमें सबसे ऊंचे रिहायसी टॉवर का निर्माण, सबसे लंबे रेल पुल का निर्माण और सबसे बड़े बंदरगाह का निर्माण शामिल है.</p><p>टाटा संस के बोर्ड में साइरस 2006 में शामिल हुए. वरिष्ठ पत्रकार एमके वेणु के मुताबिक़ टाटा संस के सबसे अधिक शेयर साइरस मिस्त्री के परिवार के पास ही हैं.</p><p><strong>क्यों हटाया गया था सा</strong><strong>इ</strong><strong>रस मिस्त्री को?</strong></p><p>मिस्त्री शुरू से रतन टाटा की देखरेख में काम कर रहे थे. लेकिन लगता है कि उन्होंने अब ख़ुद ही फ़ैसले लेने शुरू कर दिए थे. सायरस मिस्त्री के मित्र और सहकर्मी उन्हें मृदुभाषी और सामंजस्य बिठाने वाला व्यक्ति बताते हैं.</p><p>वेणु बताते हैं कि भारत और दुनिया की अर्थव्यवस्था में जब 2002 से 2008 के दौरान उछाल आया तो रतन टाटा ने तेजी ने वैश्विक कंपनियां बनानी शुरू कीं थी. इस दौरान उन्होंने बहुत सी कंपनियों का अधिग्रहण किया और नई कंपनियां बनाईं. कोरस का अधिग्रहण किया, टेटली और कई होटल खरीदे.</p><p>वो बताते हैं कि इनमें से बहुत से अधिग्रहण ठीक नहीं थे. मिस्त्री को विरासत में जो कंपनियां मिलीं, उनमें से मुनाफ़ा न कमाने वाली कंपनियों को उन्होंने बेचना शुरू कर दिया. कुछ हद तक यह रतन टाटा के फैसलों को पलटने जैसा था. शायद रतन टाटा और साइरस मिस्त्री के बीच कुछ असहमति रही हो जिसकी वजह से यह फ़ैसला लेना पड़ा.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a 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