बगदाद: इराक की राजधानी बगदाद में एक एयरस्ट्राक के दौरान मारा गया ईरान का टॉप कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी देश के लिए काफी महत्वपूर्ण था. ईरान द्वारा पश्चिमी एशिया के अलग-अलग देशों में चलाए जा रहे सैन्य अभियानों की निगरानी कासिम सुलेमानी ही किया करता था. बता दें कि इस हमले में ईरानी सशस्त्र बल के डिप्टी कमांडर अबू मेहदी अल-मुहांदिस की भी मौत हो गयी थी.
पश्चिमी एशिया में ईरानी सैन्य अभियानों का मुखिया
बता दें कि ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी ने ईरान रिवॉल्युशनरी गार्डस की विदेशी इकाई कद्दस फोर्स का जिम्मा संभाला हुआ था. ये फोर्स विदेशी में ईरान की सैन्य गतिविधियों का संचालन करती है. चूंकि कासिम इसका मुखिया था, इसलिए अमेरिका की आंखों का कांटा भी बना हुआ था. दरअसल, जब साल 1980 में ईरान-इराक के बीच युद्ध चल रहा था तो ईरान की तरफ से मोर्चे की अगुवाई कासिम सुलेमानी के जिम्मे ही थी, वहीं इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की सहायता अमेरिका कर रहा था. कहा जाता है कि अमेरिकी सेना को जो भी नुकसान पहुंचा, अमेरिका ने उसका जिम्मेदार कासिम सुलेमानी को ही माना.
बगदाद में पॉप्युलर मोबिलाइजेशन फोर्स का गठन
इसी बीच बगदाद को इस्लामिक स्टेट के आतंक से बचाने के लिए ईरान की तरफ से एक फोर्स का गठन किया गया था. इसका नाम पॉप्युलर मोबिलाइजेश फोर्स था. इसके तहत कासिम सुलेमानी ने कुर्द लड़ाकों तथा शिया मिलिशिया को एकजुट किया था. यही नहीं, कासिम सुलेमानी ने हथियारबंद संगठन हिजबुल्लाह और फिलिस्तीन में सक्रिय संगठन हमास को भी समर्थन दिया हुआ था. ये बातें अमेरिका को नागवार थी.
इसके अलावा ईरान सीरिया और इराक में अमेरिकी दखल के सख्त खिलाफ है तो जाहिर है कि इनके बीच तगड़ी दुश्मनी पनपी थी. इस बीच कासिम सुलेमानी का मारा जाना ईरान के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है.
अमेरिका दूतावास में हमले का बदला ये कार्रवाई!
दरअसल, इस हमले में कासिम सुलेमानी की मौत कुछ ही दिन पहले बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास में हुए हमले का बदला है. कहा जा रहा था कि इसमें ईरान का हाथ है. बगदाद एयरपोर्ट में हमले के बाद अमेरिकी रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने कहा था कि अब खेल बदल चुका है. उन्होंने कहा था कि ईरान के समर्थन वाले सशस्त्र बलों को अमेरिकी मिलिट्री फोर्सेज की ओर से माकूल जवाब दिया जाएगा.