कुत्ते की तरह अपने दुश्मनों को सूंघता हुआ पहुंचता है रॉकेट, अमेरिकी ब्रह्मास्त्र से मारे गये सुलेमानी की स्पीड थी 368 किमी

यूएस के अचूक निशाने से ईरान हैरान, बिना सेना के इस्तेमाल किये ऑपरेशन को अंजाम दिये जाने के कारण नहीं मिला बचने का मौका इराक के बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिकी हमले में ईरान के टॉप कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने से ईरान आगबबूला होने के साथ हैरान भी है. अमेरिका ने इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2020 7:38 AM
यूएस के अचूक निशाने से ईरान हैरान, बिना सेना के इस्तेमाल किये ऑपरेशन को अंजाम दिये जाने के कारण नहीं मिला बचने का मौका
इराक के बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिकी हमले में ईरान के टॉप कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने से ईरान आगबबूला होने के साथ हैरान भी है.
अमेरिका ने इस मिशन को बिना सेना के सीधे इस्तेमाल के इतने गोपनीय और अचूक हथियार के जरिये अंजाम दिया कि ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड से जुड़ी कुद्स फोर्स के चीफ सुलेमानी को बचने को कोई मौका नहीं मिल पाया. सुलेमानी पर यह हमला अमेरिका ने हजारों फीट ऊपर से किया था. हमले में अमेरिका ने जिस ड्रोन का इस्तेमाल किया, उसे अमेरिका में हवाई ‘ब्रह्मास्त्र’ के नाम से जाना जाता है.
सुलेमानी पर जानलेवा वार के लिए इस्तेमाल हुए अमेरिका के इस अचूक हथियार का नाम है एमक्यू-9 रीपर ड्रोन. यह बेहद उन्नत किस्म का टोही और लक्ष्यभेदी ड्रोन है. इस ड्रोन की खास बात यह है कि यह जासूसी में जितना माहिर है, उतना ही खतरनाक हवाई हमले करने में भी है.
ड्रोन लक्ष्य की खुफिया जानकारी जुटाता है और फिर उसे खत्म करने के लिए हमले भी करने में सक्षम है. यानी, यह ड्रोन तलाश और विध्वंस का दोहरा काम करने में माहिर है. हथियारों से लैस, मध्यम ऊंचाई तक पहुंचाने वाला, एक साथ कई अभियानों को अंजाम देने और लंबी देर तक हवा में रहने में सक्षम ड्रोन है. दरअसल, अमेरिका ने पहली बार ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी पर इस ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया है. इससे पहले भी दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए इसका इस्तेमाल हो चुका है.
कुत्ते की तरह अपने दुश्मनों को सूंघता हुआ पहंुचता है रॉकेट, लक्ष्य के आसपास नहीं पहुंचाता नुकसान, टारगेट का नहीं बचता किसी तरह का नामोनिशान
1800 किमी रेंज में वार
ड्रोन में लेजर से निर्देशित होने वाले हवा से जमीन पर मार करने वाले चार एजीएम-114 हेलफायर मिसाइल भी शामिल हैं. ये मिसाइल बिल्कुल लक्ष्य पर निशाना साधते हैं जिससे कि आसपास कम-से-कम नुकसान हो. साथ ही, इसमें टारगेटिंग सिस्टम लगा है जिसमें विजुअल सेंसर्स लगे हैं.
रिमोट से चलता है विमान
एमक्यू-9 रीपर मानवरहित विमान है. हर एमक्यू-9 रीपर ड्रोन के लिए एक पायलट और एक सेंसर ऑपरेटर होते हैं. चार एयरक्राफ्ट और सेंसर्स को मिलाकर एक यूनिट बनती है.
एमक्यू-9 रीपर ड्रोन
एम का अर्थ है- मल्टी-रोल डेजिग्नेशन इन यूएस डिफेंस
क्यू बताता है- दूर से संचालित एयरक्राफ्ट
9 का मतलब है- अपनी तरह के एयरक्राफ्ट की 9वीं सीरीज का िवमान
2,222 किलो वजनी है मानवरहित ड्रोन
1,701 किलो वजन तक का बम गिराने की क्षमता
50 हजार फीट तक की ऊंचाई तक पहुंच सकता है
2,200 लीटर फ्यूल भरा जा सकता है इसमें एक बार में
1,851 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है एक बार फ्यूल भरे जाने के बाद
फिर हुआ हवाई हमला, अमेरिका का इंकार
बगदाद. अमेरिका और ईरान के बीच छद्म युद्ध शुरू होने की बढ़ती आशंकाओं के बीच अमेरिकी ड्रोन हमले में एक शीर्ष ईरानी जनरल की मौत के एक दिन बाद शनिवार तड़के अमेरिका ने एक ताजा हवाई हमले में इराक के हशद अल शाबी अर्द्धसैन्य बल के सदस्यों को निशाना बनाया. हालांकि, अमेरिका ने इस हमले से इंकार किया है. हमले में इराकी अर्द्धसैन्य नेटवर्क हशद अल शाबी के काफिले को निशाना बनाया गया.
पाक हवाई क्षेत्र से बचें एयरलाइन : अमेरिका
वाशिंगटन. अमेरिका ने आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर अपने यहां की सभी एयरलाइनों को पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है. अमेरिका ने यूएस एयरलाइनों (कॉमर्शियल और अमेरिकी सरकार के विमानों) को चेतावनी दी है कि वे पाकिस्तानी एयरस्पेस में जाने से बचें क्योंकि चरमपंथी और आतंकी समूह प्लेन को निशाना बना सकते हैं.
ताकत का गलत इस्तेमाल नहीं करे यूएस : चीन
बीजिंग. चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने शनिवार को अपने ईरानी समकक्ष से बातचीत के दौरान कहा कि अमेरिका को ताकत का गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए बल्कि उसे बातचीत के जरिये समाधान निकालना चाहिए. बयान में कहा गया है कि घातक अमेरिकी सैन्य अभियान अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का उल्लंघन करता है और इससे क्षेत्र में तनाव तथा अशांति बढ़ेगी.
ईरानी कमांडर के जनाजे में जुटे हजारों लोग, लगे ‘अमेरिका की मौत हो’ के नारे
बगदाद : इराक में शनिवार को ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी और इराकी मिलिशिया के डेप्युटी कमांडर अबु महदी अल मुहंदिस के जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए. जनाजे में शामिल लोगों ने ‘अमेरिका की मौत हो’ के नारे लगाये. ग्रीन जोन सरकार और राजनयिक परिसर की तरफ जाने से पहले बगदाद के काजिमिया में जनाजा निकाला गया, जहां होने वाले राजकीय अंतिम संस्कार में कई प्रभावशाली लोगों ने भाग लिया. जनाजे में शामिल लोगों ने काले कपड़े पहन रखे थे और हाथों में ईरान समर्थित मिलिशिया के झंड़े थे.
सुलेमानी के घर गये खोमैनी, कहा- लेंगे बदला
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमैनी शनिवार को सुलेमानी के घर पहुंचे और उनके परिवार से मुलाकात की. इस दौरान खोमैनी ने कहा कि धरती के सबसे क्रूर लोगों को अंजाम भुगतने की प्रतीक्षा करनी चाहिए.
सामने आये ट्रंप, कहा- ईरान से जंग नहीं चाहते
सुलेमानी की मौत के बाद पहली बार मीडिया के सामने आये अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह ईरान के साथ जंग नहीं चाहते. कहा कि सुलेमानी की हत्या ईरान के साथ विवाद बढ़ाने के लिए नहीं की गयी है.
बुश और ओबामा के पास भी थे सुलेमानी को मारने के अवसर, परिणाम के डर से खींचे थे हाथ : सुलेमानी पर अमेरिका की काफी लंबे समय से नजर थी. बराक ओबामा में भी इसे लेकर एक डर का माहौल था. उनका मानना था कि सुलेमानी मरने के बाद भी उतना ही खतरनाक है जितना की जीवित होते हुए.

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