ट्रंप की शांति की पेशकश, कहा ईरानी हमले में एक भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के हमले में किसी भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है. ट्रंप ने साथ ही ईरानी नेतृत्व को शांति की पेशकश की जिसे पश्चिम एशिया में तनाव कम करने के लिए अहम कदम माना जा रहा है. ट्रंप […]
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के हमले में किसी भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है. ट्रंप ने साथ ही ईरानी नेतृत्व को शांति की पेशकश की जिसे पश्चिम एशिया में तनाव कम करने के लिए अहम कदम माना जा रहा है. ट्रंप की यह टिप्पणी ईरान द्वारा इराक में कम से कम उन दो अड्डों पर एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागने के कुछ घंटे बाद आई है जहां अमेरिका और गठबंधन बलों के सैनिक तैनात थे. इस हमले को ईरान ने ‘‘अमेरिका के चेहरे पर तमाचा” बताया है.
ट्रंप ने व्हाइट हाउस ग्रैंड फोयर से राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ‘‘ हमारा कोई भी सैनिक हताहत नहीं हुआ है. हमारे सभी सैनिक सुरक्षित हैं और हमारे सैन्य अड्डों को बहुत थोड़ा नुकसान हुआ है.” ईरान के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक, यह हमला ईरान की शक्तिशाली रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की शुक्रवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत का बदला लेने के लिए किया गया था.
इस हमले को ट्रंप के आदेश पर अंजाम दिया गया था. ईरान के सरकारी टेलीविजन ने दावा किया कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हमले में ‘‘कम से कम 80 आतंकवादी अमेरिकी सैनिक” मारे गए. आईएस आतंकी समूह के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के तहत इराक में करीब पांच हज़ार अमेरिकी सैनिक हैं. जनरल सुलेमानी को ‘‘क्रूर आतंकवादी” बताते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘ ईरानी सरकार की ओर से कल रात किए गए हमले में एक भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है.
” ट्रंप ने कहा, ‘‘ हाल के दिनों में वह (सुलेमानी) अमेरिकी ठिकानों पर नए हमलों की योजना बना रहे थे लेकिन हमने उन्हें रोक दिया.” उन्होंने कहा, ‘‘ सुलेमानी को हटाकर हमने आतंकवादियों को एक सख्त संदेश दिया है. अगर आप अपने जीवन को महत्व देते हैं तो आप हमारे लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डालेंगे.” ट्रंप ने कहा, ‘‘ सुलेमानी के हाथ अमेरिकी और ईरानियों के खून से सने हुए थे.”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस्लामिक स्टेट को खत्म करने के लिए ईरान से ‘साथ काम करने का आह्वान’ करते हुए कहा कि आईएस के सरगना अबू बकर अल बगदादी को मार गिराना ईरान के लिए ‘अच्छा’ है. ईरानी नेताओं और लोगों को सीधा संदेश देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका उन सभी के साथ शांति के लिए तैयार है, जो शांति चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ ईरान के नेताओं और लोगों के लिए, हम चाहते हैं कि आपका शानदार भविष्य हो जिसके आप हकदार हैं.”
ट्रंप ने कहा कि ऐसा लगता है कि ईरान नरम पड़ रहा है जो सभी संबंधित पक्षों के लिए अच्छी बात है और दुनिया के लिए बहुत अच्छा है. उन्होंने कहा, ‘‘ बहुत लंबे वक्त से, सटीक रूप से बोलें तो 1979 से, पश्चिम एशिया और अन्य जगहों के देश ईरान के विशानकारी और अस्थिर करने वाले व्यवहार को सहन कर रहे हैं. वे दिन बीत चुके हैं.
” ट्रंप ने कहा कि ईरान जब तक आतंकवाद को शह देना बंद नहीं करेगा तब तक पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता नहीं आ सकती. ट्रंप ने नाटो से पश्चिम एशिया की प्रक्रिया में और अधिक शामिल होने को कहा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकल्प जताया कि वह ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे. ट्रंप ने कहा, ‘‘ जब तक मैं अमेरिका का राष्ट्रपति हूं, मैं ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दूंगा.
” राष्ट्रपति ट्रंप ने बराक ओबामा के शासनकाल में ईरान परमाणु समझौते को ‘बहुत ही दोषपूर्ण और ‘मूर्खता’ वाला करार दिया. ट्रंप ने कहा, ‘‘ईरान को अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को छोड़ देना चाहिए और आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करना चाहिए.” ईरान ने बुधवार को ऐलान किया कि वह समझौते से आंशिक रूप से अलग हो रहा है. ट्रंप पहले ही अमेरिका को इस समझौते से अलग कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि यह समझौता अपेक्षित लक्ष्य हासिल नहीं करता था.
ट्रंप ने अन्य साझेदारों से भी इस समझौते से अलग होने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘ हमें ईरान के साथ एक समझौता करने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए जो दुनिया को एक सुरक्षित तथा और शांतिपूर्ण स्थान बनाए.” ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है और उसे पश्चिम एशिया के तेल की जरूरत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि उनका प्रशासन ईरान पर तत्काल अतिरिक्त आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा. ट्रंप ने कहा, ‘‘ये कड़े प्रतिबंध तब तक रहेंगे जबतक ईरान अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाता.