ईरान ने माना अमेरिका के साथ तनाव कम करना ही एकमात्र समाधान

तेहरान : ईरान ने अमेरिका के साथ जारी तनाव को कम करने का संकेत दिया है. गौरतलब है कि पिछले 10 दिनों में दोनों ओर से मिसाइलें दागी गयी और इस दौरान ईरान ने यूक्रेन का एक यात्री विमान दुर्घटनावश गिरा दिया था. इस घटना में 176 यात्री मारे गये थे, जिसके विरोध में ईरान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2020 5:21 PM

तेहरान : ईरान ने अमेरिका के साथ जारी तनाव को कम करने का संकेत दिया है. गौरतलब है कि पिछले 10 दिनों में दोनों ओर से मिसाइलें दागी गयी और इस दौरान ईरान ने यूक्रेन का एक यात्री विमान दुर्घटनावश गिरा दिया था.

इस घटना में 176 यात्री मारे गये थे, जिसके विरोध में ईरान की राजधानी में रविवार को एक जुलूस निकाला गया जिसने हिंसक रूप ले लिया और पुलिस ने इस दौरान वहां मौजूद ब्रिटिश राजदूत को भी अस्थायी तौर पर गिरफ्तार कर लिया था. इन सबके बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ट्वीट किया, ये ईरान के नेताओं के लिए है. अपने यहां के प्रदर्शनकारियों की जान मत लो. अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने हालांकि कहा कि ट्रंप ईरान के साथ बिना किसी शर्त केश्ये सिरे से बातचीत करने के इच्छुक हैं. हालांकि, तेहरान ने वाशिंगटन द्वारा उस पर लगाये प्रतिबंध हटाने तक बातचीत से लगातार इनकार किया है.

तेहरान ने कहा कि वाशिंगटन द्वारा तीन जनवरी को सुलेमानी की हत्या करने के बावजूद वह उसके साथ तनाव कम करने के पक्ष में है. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और कतर के अमीर के बीच हुई बैठक के बाद दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि क्षेत्रीय संकट खत्म करने के लिए तनाव कम करना ही एकमात्र समाधान है. अमेरिका का क्षेत्र में सबसे बड़ा सैन्य अड्डा कतर में स्थित है और साथ ही उसके ईरान के साथ भी अच्छे संबंध हैं, जिसके साथ वह दुनिया का सबसे बड़ा गैस क्षेत्र साझा करता है.

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने कहा, हम सहमत हुए हैं कि इस संकट का एकमात्र समाधान सभी पक्षों द्वारा तनाव कम करना और संवाद कायम करना है. वहीं रूहानी ने कहा, पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए हमने और विचार-विमर्श करने और सहयोग स्थापित करने का निर्णय लिया है.

इस बीच, ईरान की सरकार ने कहा कि यूक्रेन विमान को दुर्घटनावश मिसाइल से गिराये जाने की घटना को कभी छुपाने की कोशिश नहीं की गयी. प्रवक्ता अली रबेई ने कहा, इन दुख के दिनों में, संबंधित अधिकारियों की काफी आलोचना हो रही है. कुछ अधिकारियों पर झूठ बोलने और घटना को छुपाने के आरोप भी लगें, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. सरकारी टेलीविजन पर उनका यह बयान प्रसारित किया गया.

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